आजकल रासायनिक कीटनाशकों (Chemical Pesticides) के अंधाधुन्ध प्रयोग से कीटों को भले ही समाप्त किया जा रहा है, लेकिन इससे मिट्टी की गुणवत्ता (Soil Quality) पूरी ख़त्म होती जा रही है. खेती के बुनियादी ढांचा मिट्टी, बीज और पानी में रोजाना जहर घुल रहा है. किसान अपनी फसल को कीट से बचाने के लिए महंगे रसायन व कीटनाशी का प्रयोग करते हैं, जिससे पर्यावरण को भी नुकसान होता है.
कीटनाशकों से कृषि क्षेत्र की फसल श्रृंखला (Agriculture Field Crop Series) दूषित हो रही है. कीटनाशकों के ताबड़तोड़ प्रयोग से मिट्टी के भीतर रहने वाले सूक्ष्म जीव सबसे पहले खत्म होते हैं. फसल की बुआई से लेकर कटाई (From Sowing to Harvesting) तक ही नहीं बल्कि भंडारण तक में इन कीटनाशकों का प्रयोग हो रहा है. इन सभी नुकसानों से बचने के लिए जैविक कीटनाशक (Organic Pesticide) एकमात्र विकल्प है. किसान अपने घर में ही कीटनाशक दवा बना सकते है जिसका प्रबंध वो कुछ इस प्रकार कर सकते है:-
घर में तैयार होने वाले जैविक कीटनाशक (Homemade Organic Insecticides)
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नीम की पत्तियों से कीटनाशक कैसे बनाएं (How To Make Pesticide From Neem Leaves)
नीम की पत्तियों से एक बाल्टी को भरा जाता है. बाल्टी को पानी से भरकर चार दिनों के लिए छोड़ दिया जाता है. पांचवें दिन पत्तियों को अच्छी तरह से मिलाकर छान लिया जाता है. उसके बाद, छिड़काव करने से पिल्लू, भृंग, फनगा, दीमक को नियंत्रित किया जा सकता है.
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नीम की फली से कीटनाशक कैसे बनाएं (How to make insecticide from neem pods)
एक किलोग्राम नीम बीज को धूल के रूप में परिवर्तित किया जाता है. इस धूल को 20 लीटर पानी में डालकर मिला दिया जाता है. 10-12 घंटा पानी में भिगाने के बाद, घोल को अच्छी तरह से मिलाकर छान लिया जाता है. छानने के बाद घोल में 20 ग्राम कपड़ा धोने वाला साबुन का घोल मिलाया जाता है. उसके बाद छिड़काव किया जाना चाहिए. इसके छिड़काव से अनेक प्रकार के कीड़ों की रोकथाम की जा सकती है.
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तंबाकू या खैनी के डंठल से कीटनाशक कैसे बनाएं (How to make insecticide from tobacco or khaini stalks)
एक किलोग्राम खैनी के डंठल को चूर्ण के रूप में बदलकर 10 लीटर पानी में गर्म करते हैं. आधा घंटा खौलने के बाद घोल को ठंडा होने के लिए छोड़ दिया जाता है. उसके बाद घोल को छानकर उसमें कपड़ा धोने वाला साबुन का घोल 2 ग्राम प्रति लीटर मिलाया जाता है. इस घोल में पानी मिलाकर कुल 80-100 लीटर बनाकर छिड़काव करना चाहिए. इसके छिड़काव से श्वेतमक्खी, लाही, मधुआ, फलीछेदक पिल्लू को नियंत्रित किया जा सकता है. इसका व्यवहार दो बार से अधिक नहीं करना चाहिए.
- मिर्च-लहसुन से कीटनाशक कैसे बनाएं (How to make insecticide from chili-garlic)
तीन किलोग्राम हरा एवं तीता मिर्चा लेते हैं एवं उसके डंठल को हटाकर मिर्च को पीस देते हैं. पिसे हुए मिर्च को 10 लीटर पानी में डालकर रातभर छोड़ देते हैं. सुबह में घोल को अच्छी तरह से मिलाकर छान दिया जाता है. दूसरे बर्तन में आधा किलोग्राम लहसुन को पीसकर 250 मिली. किरासन तेल में डालकर रातभर के लिए छोड़ दिया जाता है. सुबह में अच्छी तरह मिलाकर घोल को छान लिया जाता है.
सुबह में एक लीटर पानी में 75 ग्राम कपड़ा धोने वाला साबुन का घोल बनाते हैं. अब इन सब घोल को एक साथ मिलाकर 3-4 घंटे के लिए छोड़ दिया जाता है. घोल को पुन: छान लेते हैं. इस घोल में पानी मिलाकर कुल 80 लीटर बना लेते हैं. उसके बाद फसलों पर छिड़काव करना चाहिए. इस कीटनाशी के व्यवहार से चना के फलीछेदक एवं तम्बाकू के पिल्लू को नियंत्रित किया जा सकता है.
- गोमूत्र से कीटनाशक कैसे बनाएं (How to Make Insecticide from Cow Urine)
पांच किलोग्राम ताजा गोबर + 50 लीटर गोमूत्र + 5 लीटर पानी का घोल बनाकर मिटटी के बर्तन में रखकर मुंह को ढक्कन से ढंक दिया जाता है. चार दिनों तक सड़ने के बाद घोल को अच्छी तरह से मिलाकर छान लिया जाता है. घोल में 100 ग्राम चूना मिलाकर कुल घोल को 80 लीटर बनाकर फसलों पर छिड़काव किया जाता है. इस कीटनाशी के छिड़काव से तितली फलों पर अंडा नहीं डे पाती है एवं रोग के नियंत्रण में भी सहायता मिलती है. इस घोल के छिड़काव से पौधे हरे-भरे हो जाते है.
छिड़काव करते समय इन बातों का जरूर रखें ध्यान (Keep these things in mind while spraying)
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जैविक कीटनाशक (Organic Pesticide) का कृषि वैज्ञानिक द्वारा बताई गई मात्रा में ही में छिड़काव करें.
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बहुत गर्म दिन में या जिस दिन तेज़ हवा चल रही हो कीटनाशक का छिड़काव न करें.
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हमेशा हवा के 90 डिग्री कोण पर छिड़काव करें.
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जब बारिश होने वाली हो तब या बारिश होने के तुरंत बाद छिड़काव न करें.
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5 - हवा के बहाव की विपरीत दिशा में छिड़काव न करें.
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