हिमाचल प्रदेश के नौणी विश्वविद्यालय ने शोध के बाद शिमला मिर्च की ऐसी किस्म को ईजाद किया है जोकि शिमला मिर्च को कड़ी टक्कर देगी. इस मिर्च को सोलन मिर्च नाम दिया गया है. वैसे देखने में तो यह एकदम शिमला मिर्च की तरह ही है लेकिन स्वाद और गुणवत्ता के अलावा इसकी प्रतिरोधक क्षमता कई गुणा ज्यादा होगी. यही नहीं, यहां सोलन मिर्च की पैदावार भी शिमला मिर्च के मुकाबले ज्यादा होगी. इस नई प्रजाति की खास बात यह है कि इसमें कीटनाशक का कम प्रयोग किया जाएगा जिसमें सड़न रोग की प्रतिरोधक क्षमता काफी ज्यादा होगी. लिहाजा इसमें बीमारियां और कीड़ा लगने का खतरा कम ही पैदा होगा. इस मिर्च में कई तरह के औषधीय गुण मौजूद होते है. इसमें पाए जाने वाले कार्सिनोजेनिक कैंसर के रोगियों के लिए लाभदायक होगी. साथ ही यह मिर्च पोटाशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम के साथ विटामिन ए, विटामिन ई और विटामिन सी का अच्छा स्त्रोत रहेगी.
लिवर और त्वचा हेतु है फायदेमंद
यहां पर कई सालों के अनुसंधान के बाद नौणी विश्वविद्यालय के वनस्पति विज्ञान विभाग ने सोलन मिर्च की ओपन पोलिनेटेड वैरायटी को तैयार करने का कार्य किया है. वैज्ञानिकों का दावा है कि इससे शरीर की प्रतिरोधक क्षमता में बढ़ोतरी होगी और साथ ही खून की कमी में भी कमी आएगी. इसके अंदर इंडोल थ्री कार्बोनाइट भी काफी मात्रा में पाया जाता है जो कि लीवर के रोगियों के लिए भी काफी उपयोगी होता है. यह त्वचा के डेड सेल को भी रिप्लेस करती है.
किसानों को आवंटित हुए बीज
सभी किसानों के लिए यहां नौणी विवि ने इस बीज को आवंटित किया है. अप्रैल के महीने में इसकी रोपाई की जाती है. इस प्रजाति की सोलन में सबसे ज्यादा पैदावार है. वही सिरमौर, शिमला, चंबा, मंडी समेत अन्य क्षेत्रों के किसान भी इसकी रोपाई का कार्य कर रहे है. इसको किचन गार्डन में भी उगाया जा सकता है. किसान खुद इसका बीज तैयार करने में लगे हुए है. सोलन भरपूर शिमला मिर्च स्पार्कलिंगग्रीनिश कलर की होगी. यह शिमला मिर्च से अधिक चमकीली और रसदार होती है.
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