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रबी फसलों पर बढ़ा झुलसा रोग का खतरा, ऐसे करें बचाव

तेज़ ठंडी हवाएं और कोहरे का असर ना सिर्फ इंसानी जीवन पर पड़ता है, बल्कि यह फसलों के लिए भी बहुत नुकसानदायक होता है. बदलते मौसम की वजह से आलू, टमाटर, चना और मटर जैसी सब्जियों पर रोगों का खतरा मंडराने लगा है.

स्वाति राव
Scorch Disease
Scorch Disease

तेज़ ठंडी हवाएं और कोहरे का असर ना सिर्फ इंसानी जीवन पर पड़ता है, बल्कि यह फसलों के लिए भी बहुत नुकसानदायक होता है. बदलते मौसम की वजह से आलू, टमाटर, चना और मटर जैसी सब्जियों पर रोगों का खतरा मंडराने लगा है. इनमें झुलसा रोग का खतरा ज्यादा बढ़ गया है. इसके लिए किसानों को समय पर सावधानी बरतनी होगी.

यदि वक्त रहते ध्यान नहीं दिया, तो फसलें प्रभावित हो सकती है और किसानों को बहुत नुकसान भी हो सकता है. तो आइये  झुलसा रोग के लक्षण और इसकी रोकथाम के बारे में जानते हैं.  

क्या है झुलसा रोग (What is Scorching Disease)

दरअसल, तापमान में गिरावट और वातावरण में अत्यधिक नमी की वजह से फसलों पर झुलसा रोग लगने की संभावना बढ़ गई है. इस रोग से टमाटर, आलू बैंगन, सरसों, चना, मसूर आदि की  पत्तियां झुलस जाती हैं. ऐसा लगता है कि पत्तियां जल गई हों. इस झुलसा रोग लगने से फसलों का उत्पादन भी प्रभावित होने लगता है. ऐसे में कृषि वैज्ञानिकों ने झुलसा रोग के प्रति  किसानों को जागरूक करना शुरू कर दिया है.

जिला कृषि अधिकारी ने बताया कि फाइटोफ्थोरा नाम के फफूंद की वजह से  पौधों में अधिक नमी की वजह से झुलसा रोग होता है. समय से इसकी रोकथाम ना की गई, तो पूरी फसल खेत में ही झुलस जाती है.

इस खबर को पढ़ें - टमाटर की फसल में कीट व रोग प्रबन्धन

झुलसा रोग की रोकथाम (Prevention Of  Scorch Disease)

टमाटर में झुलसा रोग (Scorch Disease In Tomato)

कृषि वैज्ञनिकों का कहना है कि टमाटर में झुलसा रोग लगने पर फसल के पत्तों के ऊपर गोल गहरे भूरे रंग के धब्बे पड़ जाते हैं.  तने पर पहले अंडाकार और फिर बेलनाकार से धब्बे बन जाते हैं. इससे पौधे सूखकर मर जाते हैं. उन्होंने बताया कि जैसे ही टमाटर के पौधों पर इस रोग के लक्षण दिखाई दें, वैसे ही मैन्कोजेब इण्डोफिल एम-45 का 400 ग्राम प्रति एकड़ 200 लीटर पानी के हिसाब से 10 से 15 दिन के अंतर पर छिड़क दें. उन्होंने कहा कि जहां रोग की अधिकता हो, वहां पर रोग ग्रस्त पौधों के अवशेषों को पहले एकत्र कर जलाएं. उसके बाद उपरोक्त फफूंदनाशक का छिड़काव करें.

आलू में झुलसा रोग (Scorch Disease In Potato)

जब आलू में झुलसा रोग का प्रभाव बढ़ जाये, तो अगेती या पछेती झुलसा रोग से आलू की फसल को बचाने के लिए मैंकोजेब 75 को 800 ग्राम मात्रा में लेकर प्रति एकड़ छिड़काव करना चाहिए.

English Summary: cold wind and fog increase the risk of scorch disease on crops, protect them like this Published on: 06 January 2022, 02:51 PM IST

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