उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले के सरसौल ब्लॉक के महुआ गांव के युवा किसान जितेंद्र सिंह करेले की खेती करके सालाना 20 से 25 लाख रुपये की कमाई का रहे हैं. पिछले 4 साल से जितेंद्र सिंह करेले की खेती कर रहे हैं. पहले यहां के किसान आवारा और जंगली जानवरों से परेशान थे. किसान जो भी लगाते थे उसे जानवर चट कर जाते थे. ऐसे में जितेंद्र सिंह का झुकाव करेले की खेती कि ओर गया. दरअसल, आवारा और जंगली जानवर करेला कड़वा होने के वजह से नहीं फसल को नुकसान नहीं पहुंचाते हैं. आइए जानते हैं जितेंद्र सिंह से कि आखिर वे करेले की खेती से इतनी ज्यादा कमाई कैसे करते हैं. इसके लिए किसानों को क्या तकनीक अपनानी चाहिए.
करेले की खेती के लिए मचान विधि
जितेंद्र सिंह का कहना है कि वे करेले की खेती मचान विधि से करते हैं. इससे उन्हें ज्यादा पैदावार मिलती है. करेले के पौधे को मचान बनाकर उस पर चढ़ा देते हैं. जिससे बेल लगातार ग्रोथ करती जाती है और मचान के तारों पर फैल जाती है. उन्होंने बताया कि उन्होंने खेत में मचान बनाने के लिए तार और लकड़ी या बांस की उपयोग किया जाता है. यह मचान काफी ऊंचा होता है तुड़ाई के दौरान इसमें से आसानी से गुजरा जा सकता है. करेले की बेले जितनी ज्यादा फैलती है उससे पैदावार उतनी ही ज्यादा होती है. वे बीघा जमीन से से ही 50 क्विंटल की उपज ले लेते हैं. उनका कहना मचान बनाने से न तो करेले का पौधे में गलन लगती है और ना ही बेलों को निकसान पहुंचता है.
करेले की खेती से कमाई
किसान का कहना है कि पहले वे कद्दू, लौकी और मिर्ची की खेती करते थे. जिसे आवारा पशु ज्यादा नुकसान पहुंचाते थे. इसलिए उन्होंने करेले की खेती करने का निर्णय लिया. आज वे 15 एकड़ में करेले की खेती कर रहे हैं और अच्छा मुनाफा कमा रहे हैं. जितेंद्र आगे बताते हैं उनका करेला आमतौर पर 20 से 25 रुपये किलो आसानी से बिक जाता है. वहीं कई बार करेला 30 रुपये किलो के रेट में भी बिक जाता है. अधिकतर व्यापारी खेत से ही करेला खरीदकर ले जाते हैं. एक एकड़ में बीज, उर्वरक, मचान बनाने समेत अन्य कार्यों में 40 हजार रुपये का खर्च आता है. वहीं इससे उन्हें 1.5 लाख रूपये की आमदानी हो जाती है. जितेंद्र सिंह लगभग 15 एकड़ में खेती करते हैं. इस लिहाज से वे करेले की खेती से एक ही सीजन में 15-20 लाख रुपये की कमाई कर रहे हैं.
करेले की प्रमुख किस्में :
पूसा विशेष, पूसा मौसमी, अर्का हरित, पीजे 14 और प्रीति आदि.
करेले की खेती के लिए अधिक जानकारी के संपर्क (Contact)करें :
भारतीय बागवानी अनुसंधान संस्थान
फ़ोन : 080-28466471 080-28466353.
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