1. Home
  2. खेती-बाड़ी

Adverse Possession: क्या है एडवर्स पोजेशन? आप कैसे और कब बन सकते हैं किसी जमीन के मालिक

अगर आपको इन नियमों के बारे में पहले से ही जानकारी है तो आप अपनी किसी भी भूमि पर किसी भी कब्जेदार को कभी भी आने का मौका नहीं देगें. कब्ज़ा जब भी किसी भूमि पर होता है तो वह भूमि के मालिक की अनिभिज्ञता के कारण ही होता है.

प्रबोध अवस्थी
जानें कब माना जायेगा संपत्ति पर कब्ज़ा
जानें कब माना जायेगा संपत्ति पर कब्ज़ा

Adverse Possession: आप किसान हो या कोई व्यवसायी लेकिन अगर आप किसी भी क्षेत्र की भूमि के मालिक हैं तो आपको बहुत सावधान रहना चाहिए. समय-समय पर भूमि की देखभाल करने के लिए भी जाना चाहिए. इन सब कामों के साथ एक बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि आपकी भूमि के सभी कागज पूरी तरह से सरकार के नियमों के मुताबिक़ तैयार कर लेने चाहिए. साथ ही अगर आप किसी पड़ी हुई भूमि जो आपकी निगरानी में कम रह पाती है या आप किसी व्यस्तता के कारण ध्यान नहीं दे पाते हैं उस पर भी पूरा ध्यान देना चाहिए. वर्ना कोई भी आपकी भूमि पर कब्जा कर सकता है और एक समय के बाद आप उसे कानूनी सहायता के बाद भी नहीं निकाल सकते हैं.

कब्जे के नियमों में कमी होगी तो बच सकती है आपकी जमीन
कब्जे के नियमों में कमी होगी तो बच सकती है आपकी जमीन

क्या होता है Adverse Possession?

Adverse Possession भूमि संबंधी एक नियम है. जिस नियम को आपको बहुत अच्छे से जान लेना चाहिए. अगर आप इस नियम को और भूमि संबंधी अन्य नियमों के बारे में जानते हैं तो आप अपनी किसी भी भूमि पर कब्जे के संदेह में नहीं रहेगें. तो आइये जानते हैं कि क्या होता है Adverse Possession? यह एक ऐसा नियम है जिसकी सहायता से आप यह जान सकते हैं कि आप किसी भी भूमि के मालिक कब बन सकते हैं या कब तक नहीं. इसका अर्थ यह है कि यदि प्रतिकूल कब्जे के आधार पर जमीन का मालिकाना हक़ आप किस समय तक प्राप्त कर सकते हैं. इस Adverse Possession को समझने के लिए हमको सबसे पहले Indian Limitation Act के Article 27 के बारे में जानना होगा. इस आर्टिकल में यह कहा गया है कि एक निश्चित अवधि तक कोई भी मालिक अपनी भूमि से बेकब्जा है या उसका उस भूमि से कोई भी संपर्क नहीं है तो वह मालिक अपनी उस भूमि से अपना मालिकाना हक़ खो देता है. ऐसी स्थिति में उस भूमि का मालिकाना हक़ उस व्यक्ति को दे दिया जाता है जो व्यक्ति उस समयावधि के दौरान उस भूमि की देखरेख में था या उस भूमि पर कब्ज़ा किए हुए था. इस परिस्थिति में भूमि के मालिक को मुक़दमा करने से भी रोक दिया जाता है. इसे ही Adverse Possession का नियम कहा जाता है.

यह भी जानें- जमीनी विवाद की वजह से किसान ने बनवाया बुलेटप्रूफ ट्रैक्टर, पढ़िए इसकी खासियत

प्रतिकूल कब्ज़ा कब कर सकते हैं आप

कोई भी व्यक्ति अगर ऐसा करना चाह रहा है तो वो वह इन कामों को पहले करता है जिसके बाद ही वह आगे की कार्यवाही के लिए तैयार होता है.

  • इस नियम के मुताबिक कब्ज़ाधारक ने बल पूर्वक भूमि पर कब्ज़ा किया हो.
  • Hostile Possession इसका मतलब यह हुआ की मालिक की जानकारी में कब्ज़ा किया गया हो या मालिक के विरोध में कब्ज़ा किया गया हो. लेकिन यदि मालिक की अनुमति से कोई व्यक्ति उस जमीन पर कब्ज़ा किए हुए है तो वह भूमि कब्जे में नहीं गिनी जाती है.
  • Exclusive Possession होने पर ही भूमि को कब्जे में गिना जाता है. इसका मतलब यह हुआ की भूमि कब्ज़ाधारी निरंतर प्रयोग में हो तब ही वह भूमि कब्जे की मानी जाएगी. 12 साल तक लगातार कब्जे के बाद ही भूमि कब्जे में शामिल हो सकती है.
  • Peaceful Possession का मतलब यह होता है कि मालिक की इच्छा के विपरीत या मालिक के बिना अनुमति के कोई व्यक्ति 12 साल या 12 साल से ज्यादा शांति पूर्ण कब्ज़ा रखता है तो वह व्यक्ति जो कब्ज़ाधारी है उस संपत्ति का मालिक Adverse Possession के आधार पर माना जाता है. 

यह भी पढ़ें- क्या होती है चकबंदी, जाने इसके फायदे और नुकसान

अब आप इनको देखने के बाद समझ सकते हैं कि क्यों आपको अपनी जमीन की देखबाल करनी जरूरी है. अगर आप व्यस्तता के कारण अपनी भूमि या संपत्ति की देखभाल करने में असमर्थ भी हैं तो भी उस संपत्ति संबंधित सभी कानूनी नियमों की जानकारी आपको होनी ही चाहिए. जिससे आप खुद की या किसी भी जानकार की मदद कर सकते हैं.

English Summary: Adverse Possession What is averse possession How and when can you become the owner of a land Published on: 17 May 2023, 11:27 PM IST

Like this article?

Hey! I am प्रबोध अवस्थी. Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News