भीम के बारे में यह जानना आवश्यक है कि इसके प्रयोग से उत्पादन ज्यादा क्यों होता है? खेत में जब हम भीम का प्रयोग करते हैं तो क्या होता है ?
भीम कई तरह के जीव जन्तुओं का भोजन तैयार करता है, और यूरिया की बात की जाए तो वह भोजन नहीं एक जहर है... खेत में एक जीव होता है जिसे केंचुआ कहा जाता है, और केंचुए को पकड़ कर अगर उसके उपर यूरिया डाला जाए तो वह तड़पना शुरू करेगा और थोड़े देर बाद वह मर जाएगा... इस हिसाब से अगर हम बात करें तो कई टन यूरिया का प्रयोग करके हमने करोड़ों केंचुए मार डाले...
केंचुआ करता क्या है ?
केंचुए को आप मिट्टी का सहायक या दोस्त भी कह सकते हैं... य़ह मिट्टी को नरम बनाते हैं, पोला बनाते हैं, उपजाऊ बनाते हैं... केंचुआ उपर से नीचे और नीचे से उपर जाने के क्रम में पूरे दिन में तीन चक्कर लगाता है... जब केंचुआ नीचे जाता है तो एक रास्ता बनाते हुए जाता है और जब फिर ऊपर आता है तो फिर एक रास्ता बनाते हुए ऊपर आता है... इसका परिणाम ये होता है की ये छोटे-छोटे छिद्र जब केंचुआ तैयार कर देता है तो बारिश का पानी एक-एक बूंद इन छिद्रो से होते हुए तल मे जमा हो जाता है... मतलब वाटर रिचार्जिंग का काम अगर पूरी दुनियां में कोई करता है तो वो है केंचुआ, जो यूरिया के कारण मर जाता है इसलिए यूरिया का प्रयोग करना मतलब किसान के लिए आत्मह्त्या करने के बराबर है... मतलब केंचुआ मर गया तो मिट्टी कठोर होती जाएगी कड़क होती जाएगी... मिट्टी और रोटी के बारे में एक बात कही जाती है की इन्हें फेरते रहो नहीं तो खत्म हो जाती है... रोटी को फेरना बंद किया तो जल जाती है मिट्टी को फेरना बंद करो पत्थर जैसी हो जाती है... मिट्टी को फेरने का मतलब है ऊपर की मिट्टी नीचे और नीचे की मिट्टी ऊपर... केंचुआ किसान का सबसे बड़ा दोस्त है...
भीम अपनाओ खेती बचाओ
एक केंचुआ साल भर जिंदा रहे तो एक वर्ष में 36 मीट्रिक टन मिट्टी को उल्ट पलटकर देता है और उतनी ही मिट्टी को ट्रैक्टर से उल्ट पलट करना पड़े तो सौ लीटर डीजल लग जाता है 100 लीटर डीजल 7200का है ! मतलब एक केंचुआ एक किसान का 7200 रूपये बचा रहा है ऐसे करोड़ो केंचुए है सोचो कितना लाभ हो रहा है इस देश को... इसलिए भीम डालने से लाभ क्या होता है ? रासायनिक खाद के प्रयोग से केंचुआ मर जाता है वहीं भीम के प्रयोग से केंचुआ ज़िंदा हो जाता है क्योंकि भीम केंचुए का भोजन तैयार करता है... केंचुए को भोजन मिले तो वह अपनी जनसंख्या बढ़ाता है और इतनी तेज बढ़ाता है की कोई नहीं बढ़ा सकता... भारत सरकार कहती है हम दो हमारे दो... लेकिन केंचुए के उपर यह लागू नहीं होता है, एक केंचुआ लगभग 50 हजार बच्चे पैदा करता है... वहीं केचुएं की एक प्रजाति ऐसी भी है जो एक लाख बच्चे पैदा कर सकती है... तो इसके अनुसाप आप अंदाज़ा लगाएं की एक केंचुआ एक लाख बच्चे पैदा कर दिये अब वो एक एक लाख आगे एक-एक लाख पैदा करेंगे तो ऐसे करोड़ो केंचुए हो जाएंगे, लेकिन यह तभी संभव है जब आप यूरिया की बजाए भीम डालना शुरू करेंगे... ज्यादा केंचुआ होंगे तो ज्यादा मिट्टी उलट पलट होगी तो फिर छिद्र भी ज्यादा होंगे तो बारिश का सारा पानी धरती की मिट्टी में चला जाएगा... पानी मिट्टी मे चला गया तो फालतू पानी नदियों मे नहीं जाएगा, इस देश का करोड़ो-करोड़ो रूपये का फायदा हो जाएगा... इसलिए किसानों को यह समझना जरूरी है की भीम का प्रयोग उनके लिए फायदेमंद है... क्योंकि ज़मीन को बेहतर बनाने से ही अच्छा उत्पादन पा सकेंगे...
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