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प्रकल्प संजीवनी पद्धति से रासायनिक खाद मुक्त जैविक खेती करना है मुमकिन

हमारे खेतों में रसायनों के बढ़ते प्रयोग और घटती आय से किसान परेशान है और हर किसान बिना उत्पादन घटे 100 प्रतिशत रसायन खाद मुक्त जैविक खेती करना चाहता है. किसानों की इस बात को ध्यान में रखते हुए डॉ. अजय रांका ने प्रकल्प संजीवनी अभियान की शुरुआत की है, जो रासायनिक खाद मुक्त जैविक खेती का विकल्प किसानो तक पंहुचा रही है. इस प्रकल्प का उद्देश्य, भूमि में कार्बनिक मात्रा बढ़ाकर उसे फिर से भुरभुरी, नरम, हवादार और जैविक शक्ति से भरपूर बनाना और जलस्तर मंं सुधार लाना है.

कंचन मौर्य
Organic Farming
Organic Farming

हमारे खेतों में रसायनों के बढ़ते प्रयोग और घटती आय से किसान परेशान है और हर किसान बिना उत्पादन घटे 100 प्रतिशत  रसायन खाद मुक्त जैविक खेती करना चाहता है. किसानों की इस बात को ध्यान में रखते हुए डॉ. अजय रांका ने प्रकल्प संजीवनी अभियान की शुरुआत की है, जो रासायनिक खाद मुक्त जैविक खेती का विकल्प किसानो तक पंहुचा रही है. 

इस प्रकल्प का उद्देश्य, भूमि में कार्बनिक मात्रा बढ़ाकर उसे फिर से भुरभुरी, नरम, हवादार और जैविक शक्ति से भरपूर बनाना और जलस्तर में सुधार लाना है. प्रकल्प संजीवनी पद्धति, आविष्कारी ज़ायटोनिक प्लेटफार्म के माध्यम से सभी प्रमुख आवश्यक तत्वों युक्त जैविक खाद और जैविक सुरक्षा कवच वाले जायडेक्स सुरक्षा के रूप मे किसानों को उपलब्ध करा कर 100% रसायन मुक्त खेती संभव बना रही है.

ज़ायटोनिक तकनीक के प्रयोग से किसानों की जमीन नरम, हवादार, और भुरभरी हो जाती है, साथ ही एक निश्चित अनुपात में अनुकूल मित्र जीवाणुओं की मात्रा भी उपलब्ध होती है। सामान्यतः 100% जैविक खेती करना एक कठिन विकल्प रहा है तथा रासायनिक खाद प्रयोग किये बिना उत्पादन घटने की संभावना रहती है.

मगर पिछले 6 महीनों में लगभग 250 किसानों द्वारा अलग-अलग राज्यों और फसलों मे प्रकल्प संजीवनी के प्रयोग ने यह सिद्ध कर दिया है कि रासायनिक खाद मुक्त खेती करने पर भी उत्पादन समान या बेहतर प्राप्त किया जा सकता है. 

प्रयोगों ने यह भी दर्शाया है कि रासायनिक खादों के प्रयोग के बिना भी हमारी फसलों का न सिर्फ उत्पादन बढ़ा बल्कि पोधों की वृद्धि, हरापन एवं उत्पाद की गुणवत्ता में भी वृद्धि हुई अर्थात पौष्टिकता बढ़ी, साथ ही साथ रासायनिक दवाओं का प्रयोग भी कम हुआ और पौधे भी स्वस्थ रहे. इस खाद्यान्न का विषैलापन भी कम हुआ, जो एक बहुत बड़ी उपलब्धि है.

ज़ायडेक्स की तकनीक, जैविक शक्ति के साथ मिट्टी में कार्बनिक पदार्थ की मात्रा भी बढ़ाने में मददगार साबित होती है. जिससे खेती में कम पानी की जरूरत पड़ती है और करीब 40% सिंचाईं की बचत होती है. जमीन भुरभरी और हवादार होने के कारण बरसात का पानी भी जमीन आसानी से सोख लेती है, जो भूगर्भ में जमा होकर जलस्तर बढ़ाने में सहायक होता है.

प्रकल्प संजीवनी को मुख्यत 5 चरणों मे बांटा गया है. प्रथम चरण मे जायटॉनिक गोधन द्वारा गोबर की खाद को उपचारित करके कम समय मे उच्च गुणवत्ता के साथ उसको अधिक क्षेत्र मे फैलाने के लिए बनाना है. दूसरे चरण में खेत की तैयारी के समय जैव उपचारित गोबर खाद के साथ जायटॉनिक एम, जायटॉनिक एन पी के और जायटॉनिक  जिंक को 15-6-2 के अनुपात मे मिलाकर खेत की जैविक शक्ति को बढ़ाना है. त्रतीय चरण में फसल पर जैविक सुरक्षा आवरण के लिए जायडेक्स सुरक्षा का प्रयोग जो फसल की नैसर्गिक प्रतिरोधक शक्ति को बढ़ाकर रोग और कीटों से सुरक्षा देता है.

जायडेक्स सुरक्षा जैविक सुरक्षा के लिए उपयुक्त जायटॉनिक सुरक्षा पाउडर के साथ लंबे समय तक पौधे पर असर के लिए जायटॉनिक ऐक्टिव और फुहार नियंत्रण के लिए जायकोड्रॉप का एक अनोखा मिश्रण है.  चतुर्थ चरण में प्राकृतिक किट-विकर्षक ज़ायकोनीम द्वारा बीमारियों व कीटों से पौधों को सुरक्षा प्रदान करना है. वहीं, पांचवें चरण में चारे दलहनी फसलों के साथ पूरे वर्ष लगातार फसल उत्पादन संभव करता है.

इस तरह अब किसान दुनिया में पहली बार, पहले ही प्रयोग में "100% रासायनिक खाद मुक्त खेती" की परिकल्पना को साकार कर पाएंगे तथा शत-प्रतिशत जैविक खेती द्वारा पौष्टिक, गुणवत्ता युक्त अधिक अनाज, फल व सब्जियाँ उत्पादन करने में सक्षम होंगे.

English Summary: Do chemical fertilizer free organic farming by project Sanjivani method Published on: 06 December 2021, 11:43 AM IST

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