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Mustard Oil Rate: सरसों तेल की कीमत में आई गिरावट, क्या किसानों को होगा नुकसान?

सरसों तेल (Mustard Oil Price) की कीमतों में काफी समय से बढ़ोतरी हो रही थी, लेकिन अब सरसों तेल के थोक भाव में गिरावट देखने को मिली है. इसके साथ ही सरसों दाना की कीमत में भी कमी आई है.

कंचन मौर्य
Mustard Oil Rates
Mustard Oil Rates

सरसों तेल (Mustard Oil Price) की कीमतों में काफी समय से बढ़ोतरी हो रही थी, लेकिन अब सरसों तेल के थोक भाव में गिरावट देखने को मिली है. इसके साथ ही सरसों दाना की कीमत में भी कमी आई है.

विदेशों में तेल तिलहनों के भाव की बात करें, तो स्थानीय बाजार में तेल तिलहन सरसों, सोयाबीन, मूंगफली तेल तिलहन, सीपीओ और बिनौला तेल कीमतों में गिरावट आई है. बताया जा रहा है कि आने वाली 8 जून से किसी भी साधारण तेल की सरसों में मिलावट पर रोक लगा दी है.

सरसों तेल की कीमत में गिरावट (Mustard Oil Price Drop)

बाजार सूत्रों की मानें, तो अभी बाजार में मांग नहीं है, इसलिए मलेशिया एक्सचेंज में आधा प्रतिशत की गिरावट आई है. इस वजह से सरसों दाना और सरसों दादरी क्रमश: 100 रुपए और 200 रुपए की गिरावट के साथ क्रमश: 7250-7300 रुपए और 14500 रुपए क्विन्टल पर बंद हुए. इसके साथ ही  सरसों पक्की और कच्ची घानी के भाव 30 से 30 रुपए की गिरावट के साथ 2330 से 2380 रुपए और 2430 से 2530 रुपए प्रति टिन पर बंद हुए.

किसानों को होगा नुकसान (Farmers Will Suffer)

जहां एक तरफ सरसों तेल (Mustard Oil Price) की कीमतों में गिरावट आने के बाद आम आदमी को राहत मिलेगी, तो वहीं दूसरी तरफ किसानों की आमदनी पर असर पड़ने वाला है, क्योंकि सरसों दाना के भाव भी घटे हैं. फिलहाल, अभी सरसों भी तय MSP 4650 रुपए प्रति क्विंटल से ऊंचे भाव बिक रही है.

FSSAI का फैसला (FSSAI's Decision)

खाद्य नियामक FSSAI ने फैसला लिया है कि राज्यों से 8 जून से किसी भी अन्य खाद्य तेल के साथ सरसों तेल के मिश्रण पर प्रतिबंध होगा. FSSAI ने 8 मार्च की अपनी अधिसूचना में 8 जून 2021 से बहु-स्रोत खाद्य वनस्पति तेलों (एमएसईवीओ) के उत्पादन में सरसों तेल सम्मिश्रण पर रोक लगा दी थी. बता दें कि देश में तिलहन की घरेलू पैदावार कीरब 75 लाख टन की है, जिसमें से आधे हिस्से की आपूर्ति सरसों तेल के जरिए होती है.

राष्ट्रीय तिलहन मिशन (National Oilseeds Mission)

केंद्र सरकार द्वारा खाद्य तेलों के आयात पर निर्भरता कम करने के लिए राष्ट्रीय तिलहन मिशन (National Oil Seed Mission) की शुरुआत की गई है. इस मिशन के तहत 5 साल में करीब 19 हजार  करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे. इसका लक्ष्य तिलहनी फसलों की खेती को प्रमोट करना है. इस तरह जो पैसा हम दूसरे देशों को दे रहे हैं, वह अपने किसानों को मिलेंगे. बता दें कि भारत सालाना करीब 70 हजार करोड़ रुपए का खाद्य तेल आयात करता है.

बाजार में थोक भाव (रुपए प्रति क्विंटल) (Wholesale Price in the Market (Rs Per Quintal)

  • सरसों तिलहन – 7,250 – 7,300 (42 प्रतिशत कंडीशन का भाव) रुपए.

  • सरसों पक्की घानी- 2,330 -2,380 रुपए प्रति टिन.

  • सरसों तेल दादरी- 14,500 रुपए प्रति क्विंटल.

  • सरसों कच्ची घानी- 2,430 – 2,530 रुपए प्रति टिन.

English Summary: Farmers suffer loss due to reduction in mustard oil rates Published on: 11 June 2021, 02:04 PM IST

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