कोरोना महामारी से पूरा देश जूझ रहा है, लेकिन अब मौसम भी अन्नदाता के साथ-साथ सभी की मुश्किलें बढ़ा रहा है. बारिश और ओलावृष्टि किसानों की मेहनत पर पानी फेरने पर आमादा है. रबी की फसल को इस बेमौसमी बारिश ने खासा नुकसान पहुंचाया है. देहरादून जनपद में करीब 35 फीसद गेहूं की फसल सड़ने की कगार पर है. हालांकि, किसान खड़ी फसल को ज्यादा नुकसान न पहुंचने की उम्मीद जता रहे हैं. कुदरत की दोहरी मार झेल रहे किसान धूप खिलने की आस लगाए बैठे हैं. जबकि, मौसम विभाग ने अभी एक-दो दिन और बारिश और ओलावृष्टि की संभावना जताई है.
मौजूदा वक्त में कोरोना महामारी से पूरा देश जूझ रहा है, लेकिन अब मौसम भी किसानों के साथ-साथ सभी की मुश्किलें बढ़ा रहा है. बारिश और ओलावृष्टि की वजह से किसानों की अभी तक काफी फसल बर्बाद हो चुकी है. यूं कहें तो रबी की फसल को इस बेमौसमी बारिश ने काफी ज्यादा नुकसान पहुंचाया है. मौसम विभाग ने मंगलवार को भी उत्तर प्रदेश के कुछ स्थानों पर 30 से 40 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से धूल भरी आंधी चलने और गरज-चमक के साथ बारिश होने की चेतावनी जारी की है.
उत्तराखंड में बारिश-ओलावृष्टि की संभावना
उत्तराखंड में मई महीने की शुरुआत भी बारिश के साथ हो सकती है. मौसम विभाग ने मंगलवार को प्रदेश भर में बारिश के साथ ही ओलावृष्टि की संभावना जताई है. साथ ही एक मई तक बारिश होने की संभावना भी है. इस कारण तापमान में ठंडक रह सकती है.
केदारनाथ सहित ऊंची पहाड़ियों पर बर्फबारी
सोमवार को केदारनाथ के साथ ही अनेक ऊंची पहाड़ियों पर बर्फबारी हुई है. जबकि मुख्यालय सहित जिले के समस्त स्थानों पर बारिश हुई. मौसम के बदलाव से लोगों को हल्की ठंड का अहसाह हुआ. इधर बारिश ने जिले में किसानों की फसल खराब हो रही है.
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