दरअसल इस बार मौसम विभाग ने मॉनसून अच्छा रहने की उम्मीद जताई है। इस बीच मानसून ने समय से पहले केरल में दस्तक दे दी है। जिसके मद्देनज़र यह कहा जा रहा है कि एक जून से ही मानसून (जून-सितंबर) सत्र की शुरुआत हो जाएगी। जाहिर है कि देश में कपास, चावल एवं दलहन की फसलें काफी मायने रखती हैं। जिसके लिए इस मानसून की बारिश शुरुआती दौर में बहुत महत्वपूर्ण मानी जा रही हैं।
उल्लेखनीय है कि इस दौरान फसलों की बुवाई तेजी पकड़ेंगी। जिसमें चावल, सोयाबीन, कपास और दलहन की फसलें शामिल हैं। यह मानसून खेती के लिए बहुत आवश्यक है क्योंकि इससे भारत में सिंचाई के लिए लगभग 70 प्रतिशत की भरपाई होती है।
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