एक बार फिर बंगाल की खाड़ी में हलचल देखने को मिल रहा है. मौसम वैज्ञानिक जेसन निकोल्स के मुताबिक बंगाल की खाड़ी के ऊपर संभावित चक्रवात आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल के बीच बनता दिखाई दे रहा है. ऐसे में यह अनुमान लगाया जा रहा है कि आंध्र प्रदेश और पश्चिम बंगाल के बीच वाले क्षेत्रों को यह चक्रवात प्रभावित कर सकता है.
वैज्ञानिक के मुताबिक इस सप्ताह बंगाल की खाड़ी के ऊपर बनने वाला कोई भी दबाव पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ता दिखाई दे सकता है और उस स्थिति में दोनों राज्यों के बीच में पड़ने वाला क्षेत्र इससे प्रभावित हो सकता है.
वहीँ आईएमडी (IMD) के मुताबिक 4 मई के 00 यूटीसी (Coordinated Universal Time) पर आधारित जीएफएस मॉडल ने यह संकेत दिया है कि पूर्वानुमानित प्रणाली पश्चिम बंगाल-बांग्लादेश तट की ओर बढ़ सकती है और 10 मई के आसपास लैंडफॉल बनाने की पूरी संभावना है. भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने अभी तक सिस्टम की गति और लैंडफॉल के बारे में कोई आधिकारिक पूर्वानुमान नहीं लगाया था.
आईएमडी ने आज अपने सुबह के रिपोर्ट में कहा कि दक्षिण अंडमान सागर और पड़ोस के ऊपर एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र बनता दिखाई दिया है.आईएमडी मौसम पूर्वानुमान के मुताबिक सिस्टम 6 मई के आसपास उसी क्षेत्र में कम दबाव का क्षेत्र बनने और बाद के 24 घंटों के दौरान और तेज होने की संभावना है.
IMD के मुताबिक “दक्षिण अंडमान सागर और पड़ोस के ऊपर एक चक्रवाती परिसंचरण बना है और मध्य-क्षोभमंडल स्तर तक फैला हुआ है. इसके प्रभाव में, 6 मई के आसपास उसी क्षेत्र में एक निम्न दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना जताई है. इसके बाद के 24 घंटों के दौरान और अधिक दबाव होने की संभावना है.
दूसरी ओर, स्काईमेट वेदर सर्विसेज ने भविष्यवाणी की है कि संभावित चक्रवाती तूफान और तेज हो सकता है और अराकान तट के साथ आगे बढ़ सकता है. अगर यह चक्रवाती तूफान में बदल जाता है तो सिस्टम को साइक्लोन आसनी नाम दिया जाएगा.हालाँकि आसनी तूफ़ान का असर भारत के कई राज्यों में अभी से देखा जा सकता है.
बंगाल और उड़ीसा से सटे राज्य बिहार में इस तूफ़ान का असर साफ़ तौर से देखा जा सकता है. बिहार में पिछले कई दिनों से मौसम में बदलाव देखा जा रहा है और बारिश भी हो रही है.
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