कुरुक्षेत्र में 53 हजार 858 किसान 1 लाख 15 हजार हैक्टेयर भूमि में गेहूं की फसल उगाते हैं। इस बार बेमौसमी बारिश से गेहूं की फसलों को नुक्सान हो रहा है। पिछले दिनों तेज हवाओं व बादलों की गर्जना के साथ जिलेभर में खुले आसमान के नीचे हजारों क्विंटल गेहूं भीग गई। हालांकि अभी आवक कम होने के कारण किसानों ने अपने स्तर पर तिरपाल आदि की व्यवस्था कर गेहूं को काफी हद तक भीगने से बचा लिया है लेकिन इसके बावजूद भी बोरियों में रखा गेहूं नमी का कारण बन गई।
खेतों में खड़ी गेहूं की फसल की कटाई किसान कम्बाइनों द्वारा शुरू करवाने वाले ही थे लेकिन उसी वक्त पर बेमौसमी बारिश ने गेहूं की कटाई के काम को रोक दिया। बारिश से खेतों में पानी भर जाने से खेतों में मशीन नहीं चल सकती है। जिससे किसान अपनी गेहूं की खड़ी फसल को लेकर चिंतित है। किसान राजकुमार पिंडारसी, हरिकिशन नम्बरदार, बालकिशन शर्मा का कहना है कि इस समय गेहूं की फसल पककर तैयार थी।
किसानों का कहना है कि सरकार को उठान में तुरंत कदम उठाने चाहिए ताकि हमे दिक्कतों का सामना न करना पड़े। उधर, कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि फसल गिर जाने से नुक्सान व नमी होने से 3-4 दिन और कटाई का सीजन लम्बा चल सकता है। गेहूं की कटाई ने जोर पकड़ा था और मंडियों में आवक भी बढऩे लगी थी। जिले की मंडियों में हजारों क्विंटल गेहूं पहुंच भी गया था। लेकिन मंगलवार को सायं हुई बारिश ने जमींदारों व आढ़तियों को परेशानी में डाल दिया। अभी जिले में 10 प्रतिशत गेहूं की कटाई हुई है। किसानों का यह भी कहना है कि प्रकृति के प्रकोप से फसलों को अधिक नुक्सान होने की संभावना जताई जा रही है। जबकि पिछला बीमा अभी तक किसानों को नहीं मिल पाया है।
बिन मौसम बरसात से किसान हुए परेशान
कुरुक्षेत्र में 53 हजार 858 किसान 1 लाख 15 हजार हैक्टेयर भूमि में गेहूं की फसल उगाते हैं। इस बार बेमौसमी बारिश से गेहूं की फसलों को नुक्सान हो रहा है। पिछले दिनों तेज हवाओं व बादलों की गर्जना के साथ जिलेभर में खुले आसमान के नीचे हजारों क्विंटल गेहूं भीग गई। हालांकि अभी आवक कम होने के कारण किसानों ने अपने स्तर पर तिरपाल आदि की व्यवस्था कर गेहूं को काफी हद तक भीगने से बचा लिया है लेकिन इसके बावजूद भी बोरियों में रखा गेहूं नमी का कारण बन गई।
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