जम्मू कश्मीर सहित श्री नगर , हिमाचल और उत्तराखंड के कई क्षेत्रों में कड़ाके की ठण्ड पड़ रही है. श्रीनगर में 21 दिसंबर से 31 जनवरी के बीच के समय को चिलई कलाँ के नाम से जाना जाता है, जबकी इस समय यहाँ सर्दी चरम पर होती है. इस दौरान पारा शून्य से नीचे चला जाता है और खूबसूरत शहर श्रीनगर की मशहूर डल झील बर्फ का मैदान बन जाती है.
आज भी श्रीनगर में तापमान शून्य से 7-8 डिग्री नीचे जाने की संभावना है. गुलमर्ग में शून्य से 9 डिग्री कम, पहलगाम में 8, कुपवाड़ा में 7 डिग्री और काजीगुंड में 6 डिग्री शून्य से पारा और नीचे खिसक सकता है. यही हाल वैष्णों देवी भवन पर भी रहेगा . इस समय पहाड़ों पर बर्फबारी नहीं हो रही है और अगले 2-3 दिनों तक बर्फबारी न होने की भी सम्भावना जताई जा रही है. इसके बावजूद पहाड़ी राज्यों में भीषण शीतलहर जारी रहेगी.
पहाड़ों से होकर आ रही शीतलहर के कारण पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश और राजस्थान के कुछ शहरों में तापमान में और गिरावट आ सकती है. हालांकि उत्तर पश्चिमी शुष्क हवाओं के कारण उत्तर भारत में मौसम साफ रहेगा. लेकिन एक-दो स्थानों पर घना कोहरा और दिल्ली में प्रदूषण की गंभीर हालत बनी रहेगी.
मध्य भारत के राज्यों में लंबे समय से बरसात नहीं हुई है . हालांकि छिटपुट जगहों पर रुक-रुक कर वर्षा देखने को मिली है. इस समय भी यहाँ पर एक ट्रफ रेखा बनी है जिससे दक्षिणी छत्तीसगढ़ में हल्की बारिश की उम्मीद कर सकते हैं. जबकि बाकी राज्यों में मौसम सूखा ही बना रहेगा.
दक्षिणी राज्यों में खासकर तमिलनाडु में सबसे ज़्यादा बारिश अक्टूबर से दिसम्बर महीने में होती है जब यहाँ उत्तर-पूर्वी मॉनसून सक्रीय रहता है. उत्तर-पूर्वी मॉनसून की विदाई की उल्टी गिनती शुरू हो गई है. दक्षिणी राज्यों में इस बार उत्तर-पूर्वी मॉनसून में 36 प्रतिशत कम बारिश हुई है. इस बीच आज आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, केरल और तमिलनाडु में एक-दो स्थानों पर हल्की वर्षा देखने को मिल सकती है.
पूर्वी भारत के राज्यों का मौसम अगर देखें तो ओड़ीशा, असम और अरुणाचल प्रदेश में एक-दो स्थानों पर छुट-पूट बारिश के होने की उम्मीद है. जबकि पूर्वी उत्तर प्रदेश और बिहार समेत सभी पूर्वी राज्यों में मौसम साफ रहेगा.
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