महंगे कपड़ों को घर में धोने से सभी को डर लगता है कि कहीं वो खराब न हो जाएं. यही कारण है कि हम उन कपड़ों को धुलने के लिए लॉन्ड्री एंड ड्राय क्लीनिंग में देते हैं. अब आपने कपड़ों को धोने वाले मशीनों के बारे सुना होगा, दुकानों को भी देखा होगा, लेकिन क्या आपने कभी भी जूता लांड्री के बारे में सुना है. अगर नहीं तो ये खबर आपको चौंका देगी.
जूतों की ड्राय क्लीनिंग
मुंबई के संदीप गजकस ड्राय क्लीनिंग की दुकान चलाते हैं, लेकिन ड्राय क्लीनिंग कपड़ों की नहीं, बल्कि जूतों की करते हैं. संदीप बताते हैं कि उन्होंने इंजीनियरिंग की पढ़ाई की है, लेकिन करियर में कुछ अलग करना था, इसलिए इस काम को शुरू किया.
संदीप दुकान में जूतों की खास सेवा
आपको जानकर हैरानी होगी कि शू लांड्री के काम से वो हजारों नहीं बल्कि करोड़ों का मुनाफा कमाते हैं. इस काम को करने का विचार किस तरह आया, इसके जवाब में वो कहते हैं कि अक्सर लोगों से सुनता था कि कपड़ों से अधिक महंगें इंसान के जूते होने लगे हैं. फैशन के इस समय में एक ही इंसान नहीं चार-चार, पांच-पांच जोड़े जूते रखने लगा है. इसलिए इस काम को करने का ख्याल आया.
धीरे-धीरे हुआ मुनाफा
संदीप के मुताबिक इस काम में उन्हें कई बार भारी घाटा भी सहना पड़ा है, लेकिन वो मन में पक्की लगन लिए इस काम को करते रहे और फिर देखते ही देखते मुनाफा हजारों से लाखों और लाखों से करोड़ों में पहुंच गया.
बिजनेस के लिए धैर्य और साहस का होना जरूरी
बिजनेस में सफलता का मूल मंत्र क्या है, इस सवाल के जवाब में वो कहते हैं कि इंसान को धैर्य और साहस रखना चाहिए. किसी भी बिजनेस को करने के लिए इन दो चीज़ों का होना बहुत जरूरी है. कभी-कभी बहुत घाटा भी होता है, हजार प्रयत्नों के बाद भी मुनाफा नहीं होता. ऐसे समय में धैर्य के साथ फिर से योजना बनानी चाहिए और कभी-कभी बड़े फैसलों को लेने का साहस करना चाहिए.
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