किसानों की आमदानी को बढ़ाने के लिए कृषि वैज्ञानिक और विशेषज्ञ अक्सर परंपरागत खेती को छोड़ नई फसलों को उगाने की सलाह देते हैं. इसी बात से प्रेरित होकर राजस्थान के सिरोही जिले के इशाक अली आज सौंफ की खेती करके मालामाल हो गए हैं. इससे पहले वे भी कपास और गेहूं समेत अन्य फसलों की उपज लेते थे. तो आइये जानते हैं राजस्थान के 'सौफ किंग' कहे जाने वाले इशाक अली की सफलता की कहानी.
सालाना 25 लाख की कमाई
12 वीं तक पढ़े इशाक ने 2007 में सौंफ की खेती शुरू की. इसके पहले वे अपने पिता के साथ परंपरागत खेती करते थे. लगभग 15 एकड़ में सौंफ बो रखी है जिससे हर वर्ष वे 25 टन उत्पादन लेते हैं. जिससे उन्हें लगभग 25 लाख रुपये की सालाना कमाई होती है. यही वजह है कि उन्हें राजस्थान का 'सौंफ किंग' कहा जाने लगा है. उनसे सौंफ का बीज देश भर के कई किसान लेते हैं. यही वजह है कि वे आसपास के क्षेत्रों के दूसरे की किसानों के लिए प्रेरणास्त्रोत बन गए हैं.
आबू सौंफ 440 किस्म
इशाक का कहना है कि एक एकड़ में सौंफ की खेती करने में 30 से 35 हजार रूपये का खर्च आता है. इसके लिए वे सौंफ की उन्नत किस्म की बुवाई करते हैं. सौंफ की खेती के अलावा इशाक खुद की नर्सरी भी चलाते हैं. आज वे 50 से अधिक लोगों को रोजगार दे रहे हैं. इसके अलावा उन्होंने सौंफ की उन्नत किस्म ‘आबू सौंफ 440’ खुद विकसित की है. वे बताते हैं कि उनकी इस किस्म की राजस्थान के अलावा गुजरात में भी मांग रहती है.
क्यारियों के बीच 7 फीट की दूरी
वे बताते हैं कि कोई भी नई फसल उगाने से पूर्व यह जानकारी जरूर ले लेना चाहिए कि वह आपके इलाके के लिए उचित है या नहीं है. उन्होंने भी सौंफ की खेती के करने के पहले बीज, बुवाई और सिंचाई करने का विधिवत प्रशिक्षण लिया है. यही वजह हैं कि वे बंपर उत्पादन ले पाते हैं. उन्होंने बताया कि जहां लोग सौंफ की खेती के लिए कतार से कतार की दूरी आमतौर पर 2-3 फीट रखते हैं लेकिन वे यही दूरी 7 फीट की रखते हैं. इस वजह से उन पैदावार भी अधिक मिलती है.
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