Success Story: खेती में सफलता प्राप्त करने के लिए मेहनत, नई तकनीकों का ज्ञान और सही तरीके से फसल की देखभाल करना बहुत जरूरी है. इसके अलावा खेती में सफल होने के लिए प्रयास और धैर्य की भी बेहद आवश्यकता होता है. अगर कोई किसान लगातार प्रयास करता रहे, तो एक ना एक दिन वह अपनी खेती में सफल जरूर होता है. ऐसा ही कुछ राजस्थान के रहने वाले शैतान सिंह राठौड़ ने कर दिखाया है. वर्तमान में प्रगतिशील किसान शैतान सिंह राठौड़ मूंगफली, चना और ईसबगोल समेत कई फसलों की खेती करके लाखों रुपये का मुनाफा सालाना कमा रहे हैं.
कृषि जागरण के इस आर्टिकल में आज हम आपको प्रगतिशील किसान शैतान सिंह राठौड़ की सफलता की पूरी कहानी बताने जा रहे हैं.
पिछले तीन दशकों से कर रहे हैं खेती
कृषि जागरण से बात करते हुए प्रगतिशील किसान शैतान सिंह राठौड़ ने बताया कि, वह जैसलमेर जिले के डेलासर गांव के रहने वाले हैं और पिछले तीन दशकों से खेती कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि, वह 1993 से खेती से जुड़े हुए है और खेती के जरिए ही अपने परिवार का भरण पोषण कर रहे हैं. किसान ने बताया, वह मुख्य रूप से गेहूं, चना, ईसबगोल, सरसों, मूंगफली, मूंग, ग्वार और बाजरा समेत कई फसलों की खेती करते हैं. उन्होंने बताया कि, उनके चार भाई हैं और वे सभी साथ ही रहते हैं और सम्मिलित तौर पर खेती करते हैं.
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400 बीघा जमीन पर करते हैं खेती
किसान शैतान सिंह राठौड़ ने बताया कि, उनके पास 400 बीघा जमीन है और वह फसलों के हिसाब से रकबा तय करते हैं. उन्होंने बताया, सालाना 20 से 25 बीघा जमीन पर मूंगफली की खेती करते हैं और इतनी ही जमीन पर वह मूंग और जीरे की भी खेती करते हैं. इसी तरह वह 10 से 15 बीघा प्रति फसल के हिसाब से सालाना अन्य फसलों की खेती करते हैं. किसान ने बताया, उनके पास 5 से 6 ट्यूवेल हैं और प्रत्येक ट्यूवेल से 50 से 60 बीघा जमीन की सिंचाई की जाती है.
सालाना 3 क्विंटल तक मूंगफली का उत्पादन
कृषि जागरण से बात करते हुए प्रगतिशील किसान शैतान सिंह राठौड़ ने बताया कि, फसलों की लागत मुख्य तौर पर बीज और खाद पर निर्भर करती है. जैसे मूंगफली की एक बीघा खेती पर उनका खर्चा लगभग 30 हजार रुपये तक आ जाता है. वहीं सालाना 3 क्विंटल तक मूंगफली का उत्पादन करते हैं. वहीं जीरे की खेती पर बात करते हुए उन्होंने बताया कि, एक बीघे में एक क्विंटल तक जीरे का उत्पादन हो जाता है. आपको बता दें, किसान शैतान सिंह राठौड़ पूरी तरह जैविक खेती ही करते हैं. उनके पास पशुओं में गाय और बकरियां है. जिनके खाद का इस्तेमाल वे अपने खेतों में करते हैं. उन्होंने बताया कि वह प्रदेश की बड़ी सरकारी मंडियों में अपनी उपज को भेजते हैं. उनकी सारी उपज मंडियों में ही बिक जाती है.
सालाना 40 लाख रुपये की इनकम
प्रगतिशील किसान शैतान सिंह राठौड़ ने खेती की लागत और मुनाफे की बात करते हुए बताया, सभी फसलों पर सालाना उनका खर्चा लगभग 20 लाख रुपये तक आ जाता है. इसमें खेती की लागत, खाद और बीज समेत कई अन्य चीजें शामिल हैं. किसान ने बताया कि, वह सालाना लगभग 40 लाख रुपये तक की इनकम कर लेते हैं. इस हिसाब से देखें तो शैतान सिंह राठौड़ सालाना 20 लाख रुपये तक का मुनाफा कमा रहे हैं.
“जैविक खेती को बढ़ावा दें किसान”
कृषि जागरण से बात करते हुए प्रगतिशील किसान शैतान सिंह राठौड़ ने किसानों को संदेश दिया कि, किसान को अपने खेत की खुद ही देखभाल करनी चाहिए. उन्हें मजदूरों के भरोसे न छोड़ें, क्योंकि वे उनकी सही तरह से देखभाल नहीं करते. उन्होंने कहा कि, मजदूर न ही समय से बुआई करते हैं, न ही समय से खेतों में खाद डालते हैं और न ही समय से उसकी सिंचाई करते हैं. शैतान सिंह राठौड़ ने कहा कि, किसानों को सभी चीजें अपनी देख रेख में करवानी चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने किसानों से रसायनिक खेती छोड़कर जैविक खेती को बढ़ावा देने की भी अपील की. उन्होंने कहा कि रसायनों के इस्तेमाल से खेतों की उर्वरता कम होती है, और धीरे-धीरे फसल का उत्पादन घटने लग जाता है.
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