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Success Story of MP Progressive Farmer Amit Jain: अमित जैन, जो मध्य प्रदेश के शिवपुरी जिले के एक प्रगतिशील किसान हैं, आज अपने खेती-किसानी और कृषि व्यवसाय से 7-8 करोड़ रुपये का सालाना टर्नओवर प्राप्त कर रहे हैं. उनकी सफलता की कहानी सिर्फ कृषि की दुनिया तक ही सीमित नहीं है, बल्कि यह एक प्रेरणा है कि कैसे एक किसान अपनी मेहनत, योजना और नवाचारों के माध्यम से अपने व्यवसाय को ऊंचाइयों तक ले जा सकता है. अमित जैन ने अपने खेती के तरीके में बदलाव और नए व्यवसायिक दृष्टिकोण के साथ कृषि क्षेत्र में सफलता प्राप्त की है.
आज वे न केवल एक प्रगतिशील किसान हैं, बल्कि एक कृषि उद्यमी के रूप में भी स्थापित हो चुके हैं. उन्होंने कृषि क्षेत्र में एक ऐसा व्यवसाय बना लिया है, जो न केवल उन्हें व्यक्तिगत रूप से लाभ दे रहा है, बल्कि उनके इलाके के अन्य किसानों के लिए भी एक आदर्श बन चुका है. उनके द्वारा अपनाए गए नए तरीकों और उन्नत कृषि पद्धतियों ने उन्हें सफलता की एक नई दिशा दी है. ऐसे में आइए उनकी सफलता की कहानी के बारे में विस्तार से जानते हैं-
कृषि व्यवसाय से उद्यमिता की ओर कदम
अमित जैन के यहां पहले से ही खेती होती आ रही थी. 2004 में उन्होंने कृषि क्षेत्र में अपनी पहचान बनाने के लिए नए कदम उठाए. पहले उनके यहां ट्रैक्टर और मोटर पाइप आदि का व्यापार होता था, लेकिन समय के साथ उन्होंने अपनी सोच को और भी बड़ा किया. इस सोच के साथ उन्होंने 15 साल पहले ‘जनता एग्रो एजेन्सीज’ (Janta Agro Agencies) नाम से अपनी कृषि सामग्री की दुकान खोली, जहां खाद, बीज और फसल सुरक्षा उत्पाद बेचे जाते हैं.
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इस कदम ने उन्हें न केवल एक व्यवसायिक दृष्टिकोण दिया, बल्कि उनके कारोबार को भी एक नई दिशा मिली. वह केवल एक किसान नहीं रहे, बल्कि उन्होंने खुद को एक सफल कृषि उद्यमी के रूप में स्थापित किया. इसके बाद उनके व्यवसाय ने तेजी से विकास किया, और आज खेती-किसानी और कृषि व्यवसाय से उनका सालाना टर्नओवर 7-8 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है.
टमाटर की खेती: सफलता की कुंजी
प्रगतिशील किसान अमित जैन (Progressive Farmer Amit Jain) की सफलता की सबसे बड़ी वजह कृषि व्यवसाय और उनकी टमाटर की खेती रही है. मध्य प्रदेश का शिवपुरी जिला मक्का, गन्ना, जौ, सोयाबीन, सरसों जैसी कई फसलों के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन अमित जैन ने अपने अनुभव और व्यावसायिक समझ के साथ टमाटर की खेती को अपना प्रमुख फोकस बनाया. उनके पास 20 एकड़ से ज्यादा ज़मीन है, जिसमें से 20 बीघा में टमाटर की खेती होती है.
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वह टमाटर की खेती जून के पहले सप्ताह से शुरू करते हैं, और यह अगस्त माह तक जारी रहती है. अमित जैन का मानना है कि अगर हर 15 दिन के दिन अंतराल पर टमाटर की खेती की जाए, तो उपज एकसाथ नहीं आती, बल्कि वह समय-समय पर मिलती रहती है. इसके कारण, वे पूरे सीजन में अपनी उपज को आसानी से बेच सकते हैं. वह इस तरीके का पालन करते हुए मार्च तक टमाटर की उपज प्राप्त करते हैं, और उसके बाद अन्य फसलों की बुवाई कर लेते हैं.
टमाटर की किस्में और उन्नत खेती के तरीके
प्रगतिशील किसान अमित जैन हमेशा अपनी खेती में नई और कई उन्नत किस्मों का चयन करते हैं. वह हाइब्रिड किस्म के टमाटर की खेती करते हैं, जो ज्यादा उपज देती है और उसकी स्टोरेज क्षमता भी अधिक होती है. हाइब्रिड किस्म का टमाटर स्थानीय मंडियों में आसानी से बिकता है और दूर-दूर तक इसे भेजा जा सकता है. यह उनके लिए एक बड़े लाभ का स्रोत साबित हुआ है, क्योंकि इस प्रकार के टमाटर की मांग स्थिर रहती है.
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इसके अलावा, अमित जैन अपनी टमाटर की खेती मल्चिंग विधि से करते हैं, जिससे भारी बारिश के कारण फसल को नुकसान नहीं होता. मल्चिंग से मिट्टी में नमी बनी रहती है और जल के प्रवाह को नियंत्रित किया जा सकता है.
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वह अपनी नर्सरी का एक हिस्सा खुद तैयार करते हैं, जबकि कुछ नर्सरी फार्म से भी पौधे खरीदते हैं. बुवाई के दौरान जैविक खाद का उपयोग करते हैं, जिससे उनकी फसल को पोषक तत्व मिलते हैं और यह पूरी तरह से प्राकृतिक तरीका होता है. जब पौधें बड़े होते हैं, तो वह ग्रोमोर नैनो डीएपी जैसे तरल उर्वरकों का इस्तेमाल करते हैं, जिससे पौधों को अतिरिक्त पोषण मिलता है.
कीट और रोगों से बचाव
कृषि क्षेत्र में कीटों और रोगों का प्रकोप एक आम समस्या है, लेकिन अमित जैन इसके समाधान के लिए हमेशा तैयार रहते हैं. वह अपनी टमाटर की फसल को हर समय स्वस्थ रखने के लिए वैज्ञानिक तरीकों का पालन करते हैं. बारिश के मौसम में जब फसल में फफूंदनाशक का उपयोग करना जरूरी होता है, तो वह तुरंत इसका छिड़काव करते हैं. इसके अलावा, कीटों और अन्य रोगों से बचाव के लिए वह कृषि वैज्ञानिकों द्वारा अनुशंसित उपायों का पालन करते हैं.
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प्रगतिशील किसान अमित का मानना है कि अगर सही समय पर कीटनाशक और रोगनाशक का उपयोग किया जाए, तो फसल को बचाया जा सकता है और नुकसान को काफी हद तक कम किया जा सकता है.
सिंचाई की आधुनिक तकनीक
सिंचाई की प्रणाली भी प्रगतिशील किसान अमित जैन के कृषि व्यवसाय का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है. वह अपनी टमाटर की खेती के लिए ड्रिप इरिगेशन तकनीक का इस्तेमाल करते हैं, जो पानी की बचत करने में मदद करती है. यह प्रणाली जल को सीधे पौधों की जड़ों तक पहुंचाती है, जिससे पानी की बरबादी कम होती है और फसल को उचित मात्रा में पानी मिलता है. अमित का लक्ष्य है कि भविष्य में अपनी सभी फसलों के लिए ड्रिप इरिगेशन तकनीक को अपनाया जाए, ताकि जल की बचत हो सके और उत्पादन में वृद्धि हो सके.
कृषि उत्पादों की बिक्री और मुनाफा
प्रगतिशील किसान अमित जैन के अनुसार, एक बीघा में टमाटर की खेती करने पर उन्हें लगभग 50,000 से 70,000 रुपये की लागत आती है, लेकिन उनके पास 2 से 3 लाख रुपये तक का मुनाफा होता है. उनका यह तरीका न केवल उन्हें व्यक्तिगत रूप से फायदा देता है, बल्कि यह अन्य किसानों के लिए भी एक आदर्श बन गया है. वह इस पूरे प्रक्रिया को अपने स्थानीय किसानों के साथ साझा करते हैं, ताकि वे भी उन्नत तकनीकों का इस्तेमाल कर सकें और मुनाफा कमा सकें.
आधुनिक कृषि और व्यवसाय का मिलाजुला रूप
अमित जैन ने खुद को केवल एक किसान के रूप में नहीं देखा, बल्कि उन्होंने कृषि व्यवसाय को एक उद्यमिता के रूप में देखा और उसे विकसित किया. उन्होंने कृषि उत्पादों की दुकान खोली और अपने व्यवसाय में शामिल किया. इसके बाद उन्होंने अपने कृषि व्यवसाय को और विस्तारित किया, जिससे उनका सालाना टर्नओवर 7-8 करोड़ रुपये तक पहुंच गया.
प्रगतिशील किसान और कृषि उद्यमी अमित जैन का इंटरव्यू देखने के लिए लिंक पर क्लिक करें
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