जैविक खाद का उपयोग फसलों के लिए वरदान साबित हो रहा है. इसका इस्तेमाल ना सिर्फ फसलों के उत्पादन के लिए अच्छा साबित होता है, बल्कि इससे किसानों की आमदनी में भी इजाफा हो रहा है. जैविक खाद की बढ़ती मांग को देखकर सरकार भी इसको बढ़ावा दे रही है. इसके साथ ही कई कृषि विशेषज्ञों ने भी जैविक खाद बनाने के लिए नई तकनीक विकसित की हैं.
ऐसी ही एक खबर झारखण्ड के रांची जिले से है, जहाँ कृषि विश्वविधालय के एक छात्र ने इंसानी बालों से जैविक खाद का निर्माण किया है. तो आइये इस सफल प्रयोग के बारे में अधिक जानकारी देते हैं.
बता दें कि रांची कॉलेज के बीबीए के फर्स्ट ईयर के छात्र विमलेश यादव ने इन दिनों बाल से जैविक खाद (Organic Manure) बनाने की एक नई पहल की है. इनका यह प्रयोग काफी सफल भी हुआ है. कृषि विभाग के कई वैज्ञानिक ने भी इस प्रयोग की काफी सराहना की है.
बालों से किया जैविक खाद का निर्माण (Organic Manure Made From Hair)
विमलेश यादव का कहना है कि इस जैविक खाद को बनाने के लिए करीब पिछले दो वर्षों से अपने तीन मित्रों के साथ काम कर रहे हैं. इस जैविक खाद से मिटटी की उर्वरकता शक्ति काफी बढ़ेगी, साथ ही मिटटी में पाए जाने वाले कार्बोनिक तत्त्व की कमी को भी दूर होगी. उनका आगे कहना है कि जैविक खाद को गुणवत्ता जांच के लिए प्रायोगिक तौर पर सेंट्रल ऑर्गेनिक लैब सेंटर, गाजियाबाद और एक निजी लैब को सैंपल भी भेजा गया है. इसकी रिपोर्ट में बताया गया है कि इस खाद के इस्तेमाल से मिट्टी को माइक्रो न्यूट्रिएंट्स के साथ-साथ नाइट्रोजन 14 से 15 प्रतिशत, पोटाश 4-5 प्रतिशत कार्बन 40 प्रतिशत प्राप्त होगा. जो फसल उत्पादन और मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ाने के लिए बहुत जरूरी होता है.
इंसानी बालों से जैविक खाद बनाने की प्रक्रिया (Biofertilizer From Human Hair)
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सबसे पहले सैलून से बालों को एकत्रित किया गया.
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फिर रेगपिकर्स की मदद से बालों में मौजूद डाई या अन्य विषैले तत्व को हटाने के लिए उनको साफ़ कर पानी से धोया गया.
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इसके बाद 10 लीटर पानी में खाने वाला सोडा मिलाकर घोल बनाया गया, उसमें 1 किलो साफ बाल डाले गये.
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इसके बाद बालों को 5 घंटे तक 90 से 200 डिग्री सेल्सियस तक बाहरी गर्मी दी .
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इसके बाद लिक्विड का वजन मापा गया.
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इस मिश्रण को एमिनो एसिड में बदलने के लिए प्राकृतिक माइक्रोन्यूट्रिएंट्स का इस्तेमाल किया.
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इस मिश्रण को 30 मिनट स्टेरिंग प्रोसेस से गुजरना पड़ता है.
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फिर गर्म करने के बाद वजन किया जाता है.
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इसके बाद मिश्रण को छान कर अलग लिया जाता है. जिसमें से 20 लीटर में से 18 लीटर एमिनो एसिड और 2 लीटर अनडाइजेसटेड बाल निकलता है.
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एमिनो एसिड को बोतल में भर लिया जाता है, जबकि सॉलि़ड वेस्ट का दोबारा प्रोसेसिंग किया जाता है.
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