किसान रामसरन मात्र आठवीं क्लास तक पढ़े है. आज से पहले उनके पास छह एकड़ जमीन थी. आज वह उत्तर प्रदेश के बारांबकी के छोटे से गांव दौलतपुर में 300 एकड़ जमीन पर खेती करते हैं. यह किसान करीब 50 हजार किसानों से जुड़े हुए है जिन्हें वह हाईटेक खेती के गुर सिखाते है. उनकी कमाई इतनी है कि उनको इनकम टैक्स भी भरना पड़ता है. उनको देखकर लगता ही नहीं है कि वह एक किसान है उनकी संपन्नता उनके पहनावे से भी दिखाई देती है.
एक एकड़ में तीन लाख का मुनाफा
रामसरन वर्मा ने खेती किसानी से जुड़ी हर तरह की अवधारणा को बदल कर रख दिया है. इसके पीछे कारण है कि वह खेती-किसानी में काफी अच्छा लाभ कमा रहे हैं. वह कई तरह की चीजों की खेती करने का कार्य करते है. वह दावा करते है कि एक एकड़ टमाटर की खेती से करीब 3 लाख रूपये कमाएं जा सकते है. इसी तरह से आलू से 80 हजार और मेंथा से 60 हजार प्रति एकड़ कमाई की जा सकती है. इससे उनको काफी लाभ हो रहा है.
सरकार ने पद्माश्री ने नावाजा
बता दें कि रामसरन वर्मा 1986 से खेती का कार्य कर रहे हैं. वो बताते हैं कि हमने 6 एकड़ खेती की शुरूआत की थी. आज वह 300 एकड़ जमीन पर खेती कर रहे हैं. आज उनसे करीब 50 हजार किसान जुड़े हुए है. उनकी इस तरह की शानदार की कोशिश को सरकार ने भी सराहा है. इस साल उनको पद्मश्री पुरस्कार से नवाजा गया है. किसानों को वर्मा की सलाह है कि किसानों को परंपरागत खेती की जगह कैश क्रॉप यानि की मेंथा, आलू, केला, स्ट्रॉबेरी, और ऐलोवेरा जैसी फसलों का रूख करना चाहिए.
गरीबी के चलते छोड़ी थी पढ़ाई
वर्मा ने गरीबी के चलते पढ़ाई को छोड़ दिया था. वह केवल आठवी पास है लेकिन उन्होंने कम लागत से ज्यादा उत्पादन का तरीका खोजा है. आज वह तकनीक का इस्तेमाल करके टमाटर, केला, मेंथा, और आलू की खेती करते हैं. इसके चलते वह औसत के मुकाबले दोगुना से चार गुना तक उत्पादन हासिल कर लेते हैं.
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