1. Home
  2. सफल किसान

अनार की फसल लगाकर यह किसान कमा रहा है 90 लाख रूपये महीने

कुछ लोग खेती-बाड़ी से दूर भागते हैं लेकिन कुछ लोग खेती को अपनी जिंदगी बना चुके है और मेहनत करके कुछ अच्छा करने की कोशिश में लगे हुए है. गुजरात में कई किसान मेहनत करके सोने से कम नहीं कमा रहे है. उनकी फसलों से लाखों नहीं बल्कि करोड़ों की कमाई होती है. गुजरात के बनसकांठा जिले के एक विकलांग किसान गेनाभाई दरभगाभाई पटेल अनारों की खेती करने का कार्य करते है.दरअसल उन्होंने सालभर अनारों की पैदावार की है

किशन

कुछ लोग खेती-बाड़ी  से दूर भागते हैं लेकिन कुछ लोग खेती को अपनी जिंदगी बना चुके है और मेहनत करके कुछ अच्छा करने की कोशिश में लगे हुए है. गुजरात में कई किसान मेहनत करके सोने से कम नहीं कमा रहे है. उनकी फसलों से लाखों नहीं बल्कि करोड़ों की कमाई होती है. गुजरात के बनसकांठा जिले के एक विकलांग किसान गेनाभाई दरभगाभाई पटेल अनारों की खेती करने का कार्य करते है.दरअसल उन्होंने सालभर अनारों की पैदावार की है जिससे उनको 90 लाख रूपये तक की कमाई हुई है. इतना ही नहीं गेनाभाई की देखा-देखी उन्हीं के गांव के करीब 150 किसान 1500 बीघा जमीन में अनार-बागवानी करने लग गए हैं.

7 सर्वश्रेष्ठ किसान पुरस्कार आए विकलांग की झोली में

गेनाभाई दरभगाभाई पटेल बनासकांठा के लाखणी के सरकारी गोरिया गांव के रहने वाले है. इनकी उम्र 53 वर्ष है. उन्होंने एसएससी तक पढ़ाई की. वह 15 साल से खेती-बाड़ी में सक्रिय है. वह लगातार 9 सालों से अनार की खेती कर रहे है. 2009 में उन्हें अनार की खेती के लिए ही सर्वश्रेष्ठ किसान का पहला पुरस्कार मिला था. 2012 में उनको राज्य के सर्वश्रेष्ठ किसान पुरस्कार से नवाजा गया है. अभी तक उनकी झोली में 7 सर्वश्रेष्ठ किसान पुरस्कार आ चुके हैं.

बनासकांठा ने बनाए रिकॉर्ड

आज बनासकांठा अनार का निर्यात श्रीलंका, मलेशिया, दुबई और यूएई जैसे देशों में किया जाता है. इसमें गेनाभाई का भी अहम योगदान रहा है. पिछले बारह वर्षों में लगभग 35 हजार हेक्टेयर में तीन करोड़ से ज्यादा अनार की खेती की गई है. यह जिला बागवानी में काफी अव्वल रहा है.अनार की फसल ने बनासकांठा जिले के किसानों के जीवन स्तर में काफी सुधार किया है और साथ ही ड्रिप सिंचाई में बखूबी नाम कमाया है.

पहली बार में लगे 6 हजार पौधे

महाराष्ट्र के नासिक जिले के किसान अनार की फसल को देखने के लिए बनासकांठा जिले का रूख कर रहे है. सरकार ने भी आज पूरे राज्य में पद्म गांव के रूप में सराहा है. इसका श्रेय लोग गेनाभाई को देते है. गेनाभाई कहते है कि मैंने सर्वप्रथम वर्ष 2004 में अनार की खेती के बारे में सोचा था. अपनी महाराष्ट्र की यात्रा के दौरान उन्होंने अनार की खेती करने का निर्णय ले लिया. उनको शुरू में थोड़ी हिचकिचाहट थी क्योंकि वह बचपन से ही विकलांग थे. उन्होंने दृढ़ता के साथ खेती करने का निर्णय लिया और महाराष्ट्र  से लेकर  एक जैसे 6 हजार पौधों को लगाया जिस पर उन्होंने शुरूआत में डेढ़ लाख रूपए खर्च किया था.

राजस्थान सरकार ने भी दिए पुरस्कार

राजस्थान सरकार ने पुरस्कारों के साथ ही लाखों रूपये की मदद गेनाभाई पटेल को दी है. वह राजस्थान प्रदेश के मूल निवासी है और उनका परिवार भी यही रहता है. उनके परिवार के सदस्यों ने भी गुजरात में अनार की खेती को देखने का कार्य किया है. गेनाभाई ने बाड़मेर और झालोंर जिले के किसानों को 250 हेक्टेयर में अनार की खेती करने में मदद की है. राजस्थान की सरकार ने उनको कई पुरस्कार दिए है.

English Summary: Divya Kisan is earning millions of rupees by cultivating pomegranate Published on: 27 June 2019, 05:00 PM IST

Like this article?

Hey! I am किशन. Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News