आधुनिक समय में किसान अनाज, फल, फूल और सब्जियों की खेती की जानकारी रखते हैं, लेकिन बहुत कम किसान जानते होंगे कि इन दिनों किसानों के लिए मोती की खेती करना भी मुनाफे का सौदा साबित हो सकता है. जी हां, हिन्दू धर्म में मोती (Pearl) को शुद्धता और पूर्णता का प्रतीक माना जाता है. अगर बात सफेद मोती की करें, तो यह लालित्य, सुंदरता और शांति का प्रतीक है. इन्हें चंद्रमा के रूप में पहचाना जाता है और हीरे के समान मूल्यवान समझा जाता है.
भारत हर साल अरबों रुपए चीन और जापान से मोती आयात करने में खर्च करता है. ऐसे में किसान मोती की खेती कर अपनी पहचान बना सकते हैं और उनके लिए किसी प्रेरणा की जरूरत है. कृषि जागरण में एक ऐसे सफल किसान की कहानी पढ़िए जिन्होंने फल, फूल, सब्जी या अनाज में नहीं, बल्कि मोती की खेती में अपनी एक अलग पहचान बनाई है.
दरअसल, हम राजस्थान के जयपुर के किशनगढ़ रेनवाली में रहने वाले नरेंद्र गर्वा की बात कर रहे हैं. अपने किसान भाईयों–बहनों को मोती की खेती करने वाले नरेंद्र गढ़वा की सफलता की कहानी का राज बताते हैं...
7 साल से कर रहे मोती की खेती
पहले किसान नरेंद्र गर्वा किताबों की दुकान चलाते थे, लेकिन पिछले 7 साल से मोती की खेती कर रहे हैं. इससे पहले वह सब्जियों की खेती करते थे. खास बात यह है कि अब वह भारत में एक बड़े स्तर पर प्रोजेक्ट लगाकर लोगों को रोजगार भी प्रदान कर रहे हैं. उनका कहना है कि वह बचपन से ही कुछ अलग करना चाहते थे. जब किताबों की दुकान का धंधा ठप्प हुआ, तब उन्होंने सोशल मीडिया के माध्यम से खेतीबाड़ी की जानकारी हासिल की और शुरुआत में घर की छत पर ही सब्जियां उगाना शुरू किया. इसके बाद उन्होंने इंटरनेट के माध्यम से और खेती की जानकारी हासिल की. इसके बाद उन्हें लगा कि हम अपने देश में मोती की खेती भी कर सकते हैं और इससे अच्छा मुनाफा भी कमा सकते हैं.
ट्रेनिंग लेकर शुरू की मोती की खेती
किसान नरेंद्र गर्वा ने मोती की खेती करने के लिए उड़ीसा के कृषि वैज्ञानिकों से संपर्क किया और फिर वहां से कुछ समय मोती की खेती करने की ट्रेनिंग ली. इसके बाद साल 2015 में मोती की खेती करना शुरू किया. उनका कहना है कि खेती शुरू करने से पहले उन्हें कई दिक्कतों का सामना करना पड़ा. उन्होंने करीब 300 सीप से खेती की शुरुआत की, लेकिन उनको बिल्कुल जानकारी नहीं थी कि इसकी खेती किस तरह करना है.
300 सीप से की मोती की खेती
किसान नरेंद्र बताते हैं कि वह केरल से पहले सीप लेकर आए थे, जो कि ज्यादा जिंदा नहीं बचे. इसके बाद वह फिर 500 सीप लेकर आए, जिसमें से करीब 300 सीप जिंदा बच गए. उन्होंने इन्हें कम पानी में रखा और इन्हें मृत्यु से बचाने के लिए अमोनिया मेंटेन किया. किसान नरेंद्र एक एनजीओ भी संचालित करते हैं, जिसकी मदद से किसानों को सीप उपलब्ध कराते हैं.
किन मोती की करते हैं खेती
किसान नरेंद्र 2 तरह के मोती उगाते हैं, पहला डिजाइनर यानि विभिन्न आकृतियों और डिजाइनों के लिए ढाला हुआ मोती, जिसको तैयार करने में 18 से 24 माह का समय लगता है. इसके अलावा गोल मोती, जो एक वर्ष और 1.5 वर्ष में विकसित होते हैं. इनकी कटिंग बाहर से करवाते हैं, ताकि मोतियों को किसी तरह का नुकसान न हो. उनका कहना है कि किसानों को डिजाइनर मोती की खेती करना चाहिए, क्योंकि बाजार में इनकी ज्यादा मांग है.
मोती की खेती करने का तरीका
किसान 1 से 2 हजार सीप से खेती की शुरुआत करें और 10 फुट चौड़ा व 30 फुट लंबा एक कच्चा तालाब बनाएं. इसमें प्लास्टिक की पॉलीथीन डाल लें. इसमें सीप को मृत्यु दर से बचने के लिए पीएच स्तर 7 से 8 के बीच रखना है और अमोनिया शून्य रखना है. अगर अमोनिया शून्य नहीं है, तो 50 प्रतिशत पानी बदलें या स्तरों को बढ़ाने के लिए चूना मिलाएं. इसके अलावा गोबर, यूरिया और सुपरफॉस्फेट से भोजन तैयार किया जाता है. ध्यान रहे कि तालाब का पानी ज्यादा बदलना नहीं है, लेकिन महीने में 10 से 15 प्रतिशत पानी बदलना है. अगर ज्यादा पानी बदला तो उसमें भोजन खत्म हो जाएगा, जिससे सीप मर जाएंगी.
मोती की खेती में लागत
किसान 40 हजार रुपए की लागत से मोती की खेती शुरू कर सकते हैं. उनका कहना है कि अगर किसान 1 हजार सीप से खेती शुरू करते हैं, तो कम से कम 500 सीप तो जिंदा बच जाएंगी, जिससे वह एक साल में दो से ढाई लाख रुपए कमा सकते हैं.
मछली पालन के साथ करें मोती की खेती
किसान का कहना है कि आजकल कई किसान मछली पालन कर रहे हैं. ऐसे में अगर किसान मछलियों के साथ मोती की खेती करते हैं, तो इससे ज्यादा मुनाफा कमा सकते हैं.
मोती की मार्केटिंग
शुरू-शुरू में मोती की मार्केटिंग करने में काफी दिक्कत आई थी, क्योंकि उन्हें इसकी अच्छी जानकारी नहीं थी. इसके बाद उन्होंने अमेजन और इंडिया मार्च पर रजिस्ट्रेशन कराया. फिलहाल, अब दिल्ली समेत कई राज्यों में मोती की खरीद हो रही है.
इस तरह किसान नरेंद्र गर्वा मोती की खेती कर लाखों रुपए का मुनाफा कमा रहे हैं. उनका मानना है कि मौजूदा समय में किसानों के लिए मोती की खेती करना करना काफी लाभदायक होगा.
अगर किसी भी किसान को नरेंद्र गर्वा से मोती की खेती की अधिक जानकारी प्राप्त करना है, तो वह 94145 19379 इस कांटेक्ट नंबर पर संपर्क कर सकते है.
(खेती से जुड़ी अन्य जानकारी के लिए कृषि जागरण की हिंदी वेबसाइट पर विजिट करें.)
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