आज के दौर में किसानों के लिए खेती-बाड़ी का कार्य काफी बढ़-चढ़ कर उभर रहा है. खेती-बाड़ी एक ऐसा कार्य माना जाता है, जिसमें लागत से ज्यादा मुनाफा प्राप्त होता है. इस बात को सही साबित किया है बिहार के बांका जिले के किसान प्रदीप कुमार गुप्ता.
जी हाँ सफल किसान प्रदीप कुमार गुप्ता ने अपने खुद के फार्म हॉउस में विभिन्न सब्जियों और फलों की खेती कर सालाना करीब 18 लाख रूपए की कमाई कर रहे हैं. किसान प्रदीप गुप्ता का कहना है कि वह अपने फार्म हॉउस में करीब 35 वर्षों से खेती का काम कर रहे हैं. इसके अलावा किसान पशुपालन का कार्य भी संभालते हैं. आइये जनते हैं इनकी सफलता की कहानी विस्तार से.
परिचय (Introduction)
किसान प्रदीप कुमार गुप्ता का कहना है कि, इन्होंने करीब 20 साल तक राजनीति में अपना करियर संभाला है. उसके बाद भी इनकी रूचि खेती-बाड़ी की और रही और अपनी रूचि को बरक़रार रखते हुए इन्होंने कृषि व्यवसाय में अपनी पहचान बनाई. किसान प्रदीप कुमार गुप्ता ने साल 1988 में करीब 18 एकड़ जमीन में फल की बागवानी के साथ–साथ अन्य फसलों की खेती से शुरुआत की थी.
साल 1988 से लेकर साल 2022 तक प्रदीप कुमार गुप्ता ने कई भारी नुकसान भी झेला हैं लेकिन इन्होंने नुकसान से हिम्मत नहीं हारी वे अपने मकसद पर टिके रहे, आखिरकार प्रदीप कुमार एक सफल किसान के रूप में सामने आए और आज सभी अन्य किसानों के लिए एक प्रेरणा बन रहे हैं.
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पशुपालन की ट्रेनिंग देते है प्रदीप कुमार (Gives Training In Animal Husbandry)
किसान प्रदीप कुमार गुप्ता अपने फार्म हॉउस में करीब 500 आम का पेड़, 1000 पपीता, 300 नारियल, सागवान, शीशम, कटहल, लीची, निंबू, हींग, तेजपत्ता ,केला, कद्दू, मकई, धान-गेहूं की खेती की हैं. वहीं इसके अलावा प्रदीप कुमार खेती-बाड़ी के साथ–साथ गाय, बकरी, मुर्गा आदि पशुओं का पालन भी का रहे हैं. इसके अलावा आपको बता दें कि प्रदीप कुमार पशुपालन की ट्रेनिंग भी अन्य किसानों को दे रहे हैं.
क्या है प्रदीप कुमार की दिनचर्या (What is Pradeep Kumar's routine)
प्रदीप कुमार गुप्ता का कहना है वह अपने काम में काफी व्यस्त रहते हैं. उनके पास बिलकुल भी समय व्यर्थ का नही होता है. वह अपने फार्म हॉउस में हो रही खेती का बड़े अच्छे से ख्याल रखते हैं. वे सुबह जल्दी उठते ही खेतों की ओर चले जाते हैं और वहां करीब दोपहर 1:00 बजे तक फॉर्म हाउस में ही रहते हैं. इसके आलवा शाम 4 से 7 बजे तक भी अपनी फसलों की निगरानी करते है.
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