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अरबी की खेती से रामचंद्र पटेल हुए मालामाल, हर साल 60 लाख रुपये की कमाई

यदि आपको परंपरागत खेती से कोई खास मुनाफा नहीं हो रहा है तो आप भी सफल फार्मर रामचंद्र पटेल की तरह अरबी की खेती कर सकते हैं. मध्य प्रदेश के खंडवा जिले के कालंका गांव के रहने वाले रामचंद्र महज 12वीं तक पढ़े और वे अरबी की खेती से लाखों रुपये की कमाई कर रहे हैं. वे पिछले 25 साल अरबी खेती कर रहे हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि उन्होंने पिछले साल अरबी खेती से लगभग 60 लाख रूपये की कमाई की थी.

श्याम दांगी
Farmer Ramchandra Patel
Farmer Ramchandra Patel

यदि आपको परंपरागत खेती से कोई खास मुनाफा नहीं हो रहा है तो आप भी सफल फार्मर रामचंद्र पटेल की तरह अरबी की खेती कर सकते हैं. मध्य प्रदेश के खंडवा जिले के कालंका गांव के रहने वाले रामचंद्र महज 12वीं तक पढ़े और वे अरबी की खेती से लाखों रुपये की कमाई कर रहे हैं. वे पिछले 25 साल अरबी खेती कर रहे हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि उन्होंने पिछले साल अरबी खेती से लगभग 60 लाख रूपये की कमाई की थी.   

एक बोरी से सफर शुरू

रामचंद्र का कहना हैं कि पहले उनके पिताजी परंपरागत खेती करते थे तब वे सोचते थे कुछ नई खेती की जाए ताकि अच्छा मुनाफा हो सकें. इसी दौरान उन्हें उनके मामा ने अरबी की खेती करने की सलाह दी. उस समय सबसे पहले उन्होंने एक बोरी अरबी लगाई. जब एक बोरी अरबी लगाई तो लोगों ने कहा कि यहां अरबी की खेती संभव नहीं हैं. वे बताते हैं कि उन्होंने उस समय उन लोगों की बात नहीं मानी और अरबी लगा दी. इसके बाद मुझे लगभग 40 बोरी अरबी का उत्पादन हुआ. जिससे मुझे यह विश्वास हो गया कि अरबी की खेती अच्छी खासी कमाई की जा सकती है.

3 हजार बोरी का उत्पादन

उन्होंने बताया कि आज वे लगभग 20 एकड़ जमीन में अरबी की खेती करते हैं. पिछले साल उन्होंने लगभग 3 हजार बोरी अरबी का उत्पादन किया था. जिससे उन्हें लगभग 60 लाख रुपये की कमाई हुई थीं. अपनी फसल को बेचने के सवाल पर वे कहते हैं उन्हें फसल को बेचने में कोई परेशानी नहीं आती है. उनका प्रोडक्शन राजधानी दिल्ली से लेकर मुंबई तक जाता है. वहीं इंदौर समेत अन्य शहरों के व्यापारी खेती से ही अरबी ले जाते हैं. वहीं आए दिन उनसे नए व्यापारी संपर्क करते रहते हैं. 

कब करें अरबी की खेती

वे बताते हैं कि अरबी की खेती रबी और खरीफ दोनों सीजन में की जा सकती हैं. जहां रबी सीजन की बात हैं तो अक्टूबर महीने में अरबी लगाई जाती हैं. जिससे अप्रैल-मई महीने में उत्पादन लिया जाता हैं. जबकि खरीफ सीजन में जून-जुलाई महीने में अरबी बोई जाती हैं. जिससे दिसंबर और जनवरी महीने में उत्पादन लिया जाता हैं. वहीं अरबी की अधिक पैदावार के लिए लाल दोमट मिट्टी उत्तम मानी जाती हैं. पटेल ने बताया अरबी की फसल के रासायनिक खाद के साथ गोबर खाद देना बेहद जरुरी होता हैं. 4 से 5 गोबर खाद प्रति एकड़ के हिसाब से डालना चाहिए.

English Summary: madhya pradesh farmer ramachandra patel became rich by Arabic cultivation, earning 60 lakh rupees every year Published on: 09 January 2021, 05:44 PM IST

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