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किसान ने किया एक हेक्टेयर में 82 क्विंटल गेहूं का उत्पादन, कृषि मंत्री ने किया सम्मानित

यूपी के उन्नाव जिले के मछिगवां सदकू गांव के किसान कमल किशोर ने पिछले साल गेहूं की फसल का रिकॉर्ड तोड़ उत्पादन लिया है. उनकी इस उपलब्धि को देखते हुए उन्हें कृषि मंत्री ने सम्मानित किया है. दरअसल, कमल किशोर ने एक हेक्टेयर से पिछले साल 82 क्विंटल 40 किलोग्राम गेहूं का उत्पादन लिया. सबसे ज्यादा उत्पादन लेने वाले किसानों में उनका यूपी में दूसरा स्थान रहा. उनकी इस उपलब्धि को देखते हुए हाल ही में किसान दिवस पर उन्हें राज्य के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने सम्मानित किया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उपस्थित थे. तो आइये जानते हैं कमल किशोर से उनकी सफलता की कहानी.

श्याम दांगी
Farmer Kamal Kishore
Farmer Kamal Kishore

यूपी के उन्नाव जिले के मछिगवां सदकू गांव के किसान कमल किशोर ने पिछले साल गेहूं की फसल का रिकॉर्ड तोड़ उत्पादन लिया है. उनकी इस उपलब्धि को देखते हुए उन्हें कृषि मंत्री ने सम्मानित किया है. 

दरअसल, कमल किशोर ने एक हेक्टेयर से पिछले साल 82 क्विंटल 40 किलोग्राम गेहूं का उत्पादन लिया. सबसे ज्यादा उत्पादन लेने वाले किसानों में उनका यूपी में दूसरा स्थान रहा. उनकी इस उपलब्धि को देखते हुए हाल ही में किसान दिवस पर उन्हें राज्य के कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने सम्मानित किया. इस अवसर पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी उपस्थित थे. तो आइये जानते हैं कमल किशोर से उनकी सफलता की कहानी.

खाद का उपयोग किया (Manure used)

अपनी सफलता की कहानी बताते हुए कमल किशोर का कहना हैं कि उन्होंने अच्छे उत्पादन के लिए कृषि वैज्ञानिकों की सलाह पर पहले खेत में हरी खाद के लिए ढैंचा बो दिया. इसके बाद ढैंचा को गोबर खाद के साथ भरकर उसमें पानी डाल दिया तथा जब ढैंचा अच्छी तरह से सड़ गया तब मिश्रित खाद को खेत में डाल दिया. इसके बाद खेत की अच्छी तैयारी करके 25 अक्टूबर से 15 नवंबर के बीच बुआई की.

साथ ही कमल बताते हैं कि अधिक उत्पादन के लिए अच्छी क्वालिटी के बीज की बुआई करना बेहद जरुरी होता है. इसके लिए किसान भाइयों को राजकीय बीज भंडार या फिर प्रमाणित जगह से बीज खरीदना चाहिए. 

बीजशोधन जरुरी (Seed treatment required)

ज्यादा और गुणवत्तापूर्ण उत्पादन के लिए बुआई से पहले बीजशोधन करना बेहद जरुरी होता है. कमल बताते हैं कि वे गेहूं की बुआई से पहले 5 से 6 ग्राम की मात्रा में ट्राइकोडर्मा लेकर बीज को उपचारित करते हैं.

गेहूं के बीज को उपचारित करने के बाद उसे 12 घंटे तक छायादार जगह में खुला छोड़ देते हैं. इससे बीज में अंकुरण तो अच्छा होता ही है साथ ही पौधे की जड़ों का अच्छा जमाव और फुटाव होता है.  बीज की बुवाई के तरीके पर उनका कहना हैं कि बीज को सीड  ड्रिल से 3 से 4 इंच की गहराई पर बोना उचित होता है.

5 से 6 सिंचाई करें (Do 5 to 6 irrigations)

पहली सिंचाई के बारे में कमल का कहना हैं कि गेहूं की बुवाई के 20 से 25 दिनों के बाद पहली सिंचाई करना चाहिए. दरअसल, यह समय बीज में बियास और जड़े निकलने का होता है. वहीं इसी समय खरपतवार नाशक का उपयोग करना चाहिए जिससे भविष्य में अनावश्यक खरपतवार नहीं उगते हैं. पहली सिंचाई के समय ही प्रति बीघा 25 किलोग्राम यूरिया देना चाहिए इससे पौधे की बढ़वार अच्छी होती है. कमल का कहना हैं कि गेहूं की पूरी फसल में 21 दिन अंतराल पर 5 से 6 सिंचाई करना चाहिए. 

English Summary: Farmer produces 82 quintals of wheat in one hectare, Agriculture Minister honored Published on: 07 January 2021, 06:01 PM IST

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