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किसानों के लिए वरदान है हरी खाद, जानिए इसके लाभ

किसान अपनी फसल से अच्छी पैदावार पाने के लिए कड़ी मेहनत करता है. वह अपने खेत में कई तरह की रासायनिक खादें, कीटनाशक आदि का उपयोग करता है जिससे उसे फसल से ज्यादा पैदावार मिल सके, लेकिन इससे खेत की मिट्टी की उर्वरता शक्ति खत्म होने लगती है. ऐसे में किसानों को हरी खाद का उपयोग करना चाहिए. इससे फसल का उत्पादन अच्छा होगा, साथ ही मिट्टी की उर्वरता शक्ति भी बढ़ाई जा सकती है.

कंचन मौर्य
agriculture

किसान अपनी फसल से अच्छी पैदावार पाने के लिए कड़ी मेहनत करता है. वह अपने खेत में कई तरह की रासायनिक खादें, कीटनाशक आदि का उपयोग करता है जिससे उसे फसल से ज्यादा पैदावार मिल सके, लेकिन इससे खेत की मिट्टी की उर्वरता शक्ति खत्म होने लगती है. ऐसे में किसानों को हरी खाद का उपयोग करना चाहिए. इससे फसल का उत्पादन अच्छा होगा, साथ ही मिट्टी की उर्वरता शक्ति भी बढ़ाई जा सकती है.

क्या है हरी खाद?

हरी खाद को भूमि संरक्षण का आसान तरीका माना जाता है. इससे खेत की मिट्टी को उपजाऊ बनाने के साथ पोषक और जैविक पदार्थों की पूर्ति भी की जाती है. इसे सहायक फसल भी कहा जाता है. इससे खेत को नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटैशियम, जस्ता, तांबा, मैगनीज, लोहा और मोलिब्डेनम जैसे तत्त्व मिलते हैं. इसके अलावा खेत में कार्बनिक पदार्थ की मात्रा बढ़ती है और खेत की भौतिक दशा में भी सुधार आता है.

हरी खाद वाली फसलें

हरी खाद के तहत कई फसलों का उपयोग किया जाता है जिनमें दलहनी और बिना दलहनी फसलें शामिल होती हैं. हरी खाद के लिए झाड़ियों और पेड़ों की पत्तियों, टहनियों को भी उपयोग में ला सकते हैं, लेकिन इसके लिए विशेष रूप से ढैंचा फसलों का उपयोग किया जाता है. इन फसलों को खेतों में लगाकर भूमि में सुधार किया जाता है.

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हरी खाद की बुवाई का समय

हमारे देश में कई तरह की जलवायु पाई जाती हैं. सभी को अपने क्षेत्र के अनुसार फसल का चयन और बुवाई करनी चाहिए. फसल की बुवाई बारिश होने के तुरन्त बाद कर देनी चाहिए. अगर खेत में सिंचाई की सुविधा है, तो हरी खाद की बुवाई बारिश के शुरू होने से पहले कर दें. ध्यान रहे कि हरी खाद के लिए फसल की बुबाई करते वक्त खेत में पर्याप्त नमी होनी चाहिए.

हरी खाद तैयार करने की विधि

  • गेहूं की कटाई के बाद अप्रैल से मई के बीच खेत की सिंचाई कर पानी में ढेंचा का बीज छितरा लें.

  • बाद में 10 से 15 दिनों में ढेंचा फसल की हल्की सिंचाई कर लें.

  • खेत में करीब 20 दिनों में 25 कि. प्रति है. की दर से यूरिया को छिड़क दें. इससे नोडयूल बनने में सहायता मिलती है.

  • करीब 55 से 60 दिनों में हल चला दें.

हरी खाद के लाभ (Benefits of Green Manure)

  • इससे मिट्टी की संरचना में सुधार होता है.

  • मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है.

  • सूक्ष्म जीवाणुओं की गतिविधियों को बढ़ावा मिलता है.

  • फसल की जड़ों का फैलाव ठीक होता है.

  • हरी खाद के गलने-सड़ने से कार्बन डाइआक्साइड गैस निकलती है, जोकि मुख्य फसल के पौधों को आसानी से बढ़ाती है.

English Summary: improve soil fertility with green manure Published on: 01 January 2020, 05:53 PM IST

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