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Success Story: नौकरी छोड़ युवा किसान ने प्राकृतिक खेती से बदली किस्मत, सालाना कमा रहा 15 लाख रुपये मुनाफा!

Success Story of Progressive Farmer Mohan Singh: हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के रहने वाले प्रगतिशील किसान मोहन सिंह प्राकृतिक खेती से सालाना 15 लाख रुपये का मुनाफा कमा रहे हैं. वह खीरा, फ्रेंच बीन, गोभी, मटर, टमाटर, मूली, शलगम, धनिया, पालक और अन्य सब्जियों की खेती करते हैं.

विवेक कुमार राय
Progressive Farmer Mohan Singh at his cucumber field
अपने सब्जियों की खेत में प्रगतिशील किसान मोहन सिंह , फोटो साभार: कृषि जागरण

Success Story of Progressive Farmer Mohan Singh: हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के नूरपुर ब्लॉक के गांव गटोट के रहने वाले मोहन सिंह एक ऐसे किसान हैं, जिन्होंने प्राकृतिक खेती के माध्यम से न केवल अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत किया है, बल्कि अन्य किसानों के लिए भी एक मिसाल कायम की है. प्रगतिशील किसान मोहन सिंह आज प्राकृतिक खेती से सालाना 15 लाख रुपये का मुनाफा कमा रहे हैं. उनकी यह सफलता उनकी मेहनत, लगन और प्राकृतिक खेती के प्रति समर्पण का परिणाम है.

मोहन सिंह ने विदेश में नौकरी छोड़कर गांव लौटने का फैसला किया और खेती को अपनाया. शुरुआत में उन्होंने रासायनिक खेती की, लेकिन जब उन्हें प्राकृतिक खेती के फायदों का पता चला, तो उन्होंने इसे अपनाया और आज वे इसके जरिए अच्छी आमदनी प्राप्त कर रहे हैं. उनकी सब्जियां दिल्ली और चंडीगढ़ जैसे बड़े बाजारों में बिकती हैं, जहां उनके उत्पादों की मांग लगातार बढ़ रही है. ऐसे में आइए आज प्रगतिशील किसान मोहन सिंह की सफलता की कहानी के बारे में विस्तार से जानते हैं-

विदेश से गांव लौटकर खेती शुरू करने का फैसला

प्रगतिशील किसान मोहन सिंह पहले कतर और सऊदी अरब जैसे देशों में नौकरी करते थे. विदेश में रहते हुए उन्होंने देखा कि भारत के जैविक उत्पादों की वहां काफी मांग है और ये उत्पाद वहां महंगे दामों पर बिक रहे हैं. इससे उन्हें प्रेरणा मिली और उन्होंने विदेश में नौकरी छोड़कर गांव लौटने का फैसला किया. गांव आकर उन्होंने खेती शुरू की. शुरुआत में उन्होंने रासायनिक खेती की, जिसमें उन्हें अच्छा उत्पादन तो मिला, लेकिन खर्चा भी काफी अधिक था. इसके बाद उन्होंने प्राकृतिक खेती की ओर रुख किया और वर्ष 2018 में इसे अपनाया. प्राकृतिक खेती ने न केवल उनकी कृषि लागत को कम किया, बल्कि उत्पादन और मुनाफे में भी वृद्धि की.

Progressive Farmer Mohan Singh at his Mango Garden
अपने आम के बगीचे में प्रगतिशील किसान मोहन सिंह , फोटो साभार: कृषि जागरण

प्राकृतिक खेती की शुरुआत और चुनौतियां

प्राकृतिक खेती की शुरुआत में प्रगतिशील किसान मोहन सिंह को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा. उनके गांव और आसपास के इलाकों में ज्यादातर किसान रासायनिक खेती करते थे और प्राकृतिक खेती के प्रति उनका रुझान कम था. ‘कृषि जागरण’ को मोहन सिंह ने बताया कि शुरुआत में उनके मन में भी कई सवाल थे, लेकिन जब उन्होंने खेत में जीवामृत और दशपर्णी अर्क जैसे प्राकृतिक आदानों का उपयोग किया और उसके सकारात्मक परिणाम देखे, तो वे उत्साहित हो गए. उन्होंने देखा कि प्राकृतिक खेती से न केवल फसलों की गुणवत्ता में सुधार हुआ, बल्कि कीटों और रोगों पर भी नियंत्रण पाया जा सका.

प्राकृतिक खेती के फायदे

प्रगतिशील किसान मोहन सिंह ने बताया कि प्राकृतिक खेती से उन्हें कई फायदे हुए हैं. उन्होंने बताया कि प्राकृतिक खेती में फसलों को कीटों और रोगों से बचाने के लिए रासायनिक दवाओं की जरूरत नहीं पड़ती है. इससे न केवल उनकी लागत कम हुई, बल्कि उत्पादन भी बढ़ा.

अपने गेहूं के खेत में प्रगतिशील किसान मोहन सिंह, फोटो साभार: कृषि जागरण
अपने गेहूं के खेत में प्रगतिशील किसान मोहन सिंह, फोटो साभार: कृषि जागरण

उन्होंने बताया कि प्राकृतिक खेती से उगाई गई सब्जियां और फल अधिक समय तक ताजे रहते हैं और इनकी गुणवत्ता भी बेहतर होती है. इसके अलावा, प्राकृतिक खेती से मिट्टी की उर्वरा शक्ति भी बढ़ती है, जिससे लंबे समय तक अच्छी फसल प्राप्त की जा सकती है.

प्राकृतिक खेती में उगाई जाने वाली फसलें

प्रगतिशील किसान मोहन सिंह प्राकृतिक खेती में विभिन्न प्रकार की फसलें उगाते हैं. वह खीरा, फ्रेंच बीन, गोभी, मटर, टमाटर, मूली, शलगम, धनिया, पालक और अन्य सब्जियों की खेती की है. इसके अलावा, उन्होंने अपने आम के बाग और अन्य फलों में भी प्राकृतिक खेती को अपनाया है. मोहन सिंह ने बताया कि प्राकृतिक खेती से उगाई गई फसलों की गुणवत्ता बेहतर होती है और इनकी मांग बाजार में अधिक होती है.

Tomato field
टमाटर की खेती, फोटो साभार: कृषि जागरण

FPO से जुड़कर मार्केटिंग में सुविधा

मोहन सिंह FPO (फार्मर प्रोड्यूसर ऑर्गनाइजेशन) से भी जुड़े हैं, जिससे उन्हें अपनी सब्जियों और अन्य उपज की मार्केटिंग करने में आसानी होती है. FPO के माध्यम से वे अपने उत्पादों को बड़े बाजारों तक पहुंचा पाते हैं और अच्छे दाम प्राप्त करते हैं.

प्राकृतिक खेती से उत्पादन और मुनाफे में वृद्धि

प्रगतिशील किसान मोहन सिंह ने प्राकृतिक खेती को अपनाकर न केवल अपनी कृषि लागत को कम किया है, बल्कि उत्पादन और मुनाफे में भी वृद्धि की है. उन्होंने बताया कि प्राकृतिक खेती में प्रति बीघा खर्च केवल 6 हजार रुपये आता है, जिसमें बीज की कीमत भी शामिल है.

Cucumber Crop
खीरे की फसल, फोटो साभार: कृषि जागरण

वहीं, रासायनिक खेती में यह खर्च काफी अधिक होता है. मोहन सिंह ने बताया कि वह 5 बीघा जमीन से प्राकृतिक खेती करके सालाना 15 लाख रुपये का मुनाफा कमा रहे हैं. उनकी सब्जियां दिल्ली और चंडीगढ़ जैसे बड़े बाजारों में बिकती हैं.

प्रगतिशील किसान मोहन सिंह का इंटरव्यू देखने के लिए लिंक पर क्लिक करें

English Summary: Himachal Progressive farmer Mohan Singh earns 15 lakh annually through natural farming Published on: 25 February 2025, 06:11 PM IST

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