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नई तकनीक ने बदल दी किसानों की जिंदगी, जो लोग बनाते थे मजाक, अब ठोकते है सलाम, पढ़िए पूरी कहानी

केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि बिल (Farm Bill 2020) के खिलाफ किसानों का आंदोलन (Farmer Protest) थमने का नाम नहीं ले रहा है. अभी भी किसान अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं. जहां एक तरफ देशभर के किसान कृषि बिल (Farm Bill 2020) के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश में एक ऐसा किसान भी हैं, जो खेती में कामयाबी की कहानी लिख रहा है.

कंचन मौर्य
Successful Farmer
Successful Farmer

केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि बिल (Farm Bill 2020) के खिलाफ किसानों का आंदोलन (Farmer Protest) थमने का नाम नहीं ले रहा है. अभी भी किसान अपनी मांगों पर अड़े हुए हैं. जहां एक तरफ देशभर के किसान कृषि बिल (Farm Bill 2020) के खिलाफ आंदोलन कर रहे हैं, तो वहीं दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश में एक ऐसा किसान भी हैं, जो खेती में कामयाबी की कहानी लिख रहा है. यह कहानी पूर्वी उत्तर प्रदेश के चंदौली के चहनिया ब्लॉक में रहने वाले किसान जयंत सिंह की है. जिन्होंने परंपरागत खेती को छोड़कर एक नई तकनीक (New Farming Techniques) का इस्तेमाल करके खेती की शुरुआत की है. इस नई तकनीक से खेती की न सिर्फ तस्वीर बदली है, बल्कि किसान की तकदीर भी बदल गई है.

पिछले 3 साल में बदली खेती की तस्वीर

किसान जयंत सिंह अपने तीन साथियों के साथ मिलकर वैज्ञानिक विधि का प्रयोग करके खेती कर रहे हैं. उन्होंने पिछले 3 साल में खेती की तस्वीर ही बदल दी है. किसानों का यह ग्रुप तकरीबन 100 बीघे में टमाटर, शिमला मिर्च, हरी मिर्च, गोभी, बीन्स, केला, पपीता, स्ट्राबेरी और ड्रेगन फ़्रूट की खेती (Cultivation of Tomato, Capsicum, Green Chilli, Cabbage, Beans, Banana, Papaya, Strawberry and Dragon Fruit) कर रहा हैं. इससे किसानों की जिंदगी बदल गई है, साथ ही उनकी आमदनी भी कई गुना बढ़ गई है.

तीन दोस्तों ने शुरू की आधुनिक खेती

उत्तर प्रदेश के चन्दौली के चहनिया ब्लॉक के देवड़ा गांव के रहने वाले राहुल मिश्रा और जुड़ा हरधन गांव के जयंत सिंह ने आधुनिक खेती करने का फैसला किया. इसमें उनके 3 दोस्त रवि सिंह, अनूप और सोनू सिंह ने भी साथ दिया. सभी ने मिलकर आधुनिक खेती करना शुरू कर दिया, तब गांव के कुछ लोगों ने उनका खूब मजाक उड़या और उनकी कामयाबी पर संदेह भी किया. मगर किसान कभी हताश नहीं हुए.

पहले की पपीता और केले की खेती

किसानों ने पहले साल पपीता और केले की खेती करना शुरू किया, जब बाजार में फसलों का अच्छा दाम मिलने लगा, तब उनका हौसला और भी अधिक बढ़ गया. इसके बाद बड़े पैमाने पर फसलों की खेती करना शुरू किया. मौजूदा समय में किसान तकरीबन 100 बीघे में खेती कर रहे हैं. वह तैयार फसल को वाराणसी की मंडी में ले जाकर बेचते हैं, जिससे उन्हें काफी मुनाफा मिलता है.

लाइफस्टाइल में आया काफी बदलाव

किसान जयंत सिंह का कहना है कि आधुनिक तरीके से खेती (New Farming Techniques) करने के बाद लाइफस्टाइल में काफी बदलाव आया है. इससे काफी ज्यादा मुनाफा भी मिल रहा है.

तो वहीं अनूप मिश्रा का कहना है कि पहले इन खेतों में गेहूं और बाजरा की खेती करते थे, लेकिन कुछ साल पहले कृषि प्रदर्शनी में गमले में रोपे गए पौधे देखे, तो इस तरह की खेती करने का ख्याल मन में आया. इसके बाद 5 लोगों का ग्रुप बना लिया और आधुनिक तरीके से खेती करना शुरू कर दिया, इससे अब बहुत अच्छा मुनाफ़ा मिल रहा है.

युवा किसान रवि सिंह की मानें तो कुछ साल पहले सेआधुनिक खेती की शुरुआत करके काफी अच्छी आमदनी हो रही है. इसकी वजह से लाइफस्टाइल में काफी बदलाव भी आया है.

कृषि बिल को लेकर सहमति

यह किसान कृषि बिल को लेकर अपनी सहमति जताते हैं.उनका कहना है कि कृषि बिल किसानों के हित के लिए है. इसके खिलाफ आंदोलन करना सही नहीं है. वह कृषि बिल का समर्थन करते हैं, क्योंकि इससे किसी तरह का कोई नुकसान नहीं है.

English Summary: Farmer lifestyle has changed on farming with new technology Published on: 18 December 2020, 05:30 PM IST

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