हिमाचल प्रदेश के जोगेंद्र नगर में अथराह गांव निवासी धर्म सिंह मुर्गीपालन से जुड़कर हर महीने औसतन आज 25 हजार रूपये घर बैठे कमा रहे है. आज धर्म सिंह के लिए पशु स्वास्थय और प्रजनन विभाग की पांच हजार ब्रायलर चूजा योजना न केवल मददगार साबित हुई है बल्कि मुर्गीपालन आज उनके लिए आर्थिक आय का एक प्रमुख स्त्रोत बन गया है. साथ ही एक स्थानीय व्यक्ति को भी 6 हजार रूपए प्रतिमाह पर रोजगार भी प्रदान किया है. आने वाले समय में वह कई लोगों को रोजगार देने पर कार्य कर रहे है.
दिया जा रहा है प्रशिक्षण
यहां के लोक निर्माण विभाग से वर्ष 2012 में चतुर्थ श्रेणी पद से सेवानिवृत्त 69 वर्षीय धर्म सिंह के लिए सेवानिवृत के उपरांत बिना सरकारी पेंशन के परिवार का खर्चा वहन करना न केवल मुश्किल होने लगा है बल्कि दिनोदिन आर्थिकी तंगी बढ़ती गई.
ऐसे में वर्ष 2016 में उन्हें राष्ट्रीय कृषि विकास योजना के अंतर्गत पंचायत पिपली के गांव कुराटी में किसान जागरूकता शिविर में शामिल होने का मौका भी मिला है. इस दौरान उन्हें न केवल मुर्गीपालन बारे जानकारी हासिल हुई बल्कि पशुपालन विभाग की विभिन्न योजनाओं को भी जानने का सुअवसर मिला. धर्म सिंह का कहना है कि उन्हें विभाग द्वारा सुंदरनगर स्थित मुर्गीपालन प्रशिक्षण संस्थान में वैज्ञानिक को मुर्गीपालन के बारे में एक सप्ताह का प्रशिक्षण दिया गया है
मछलीपालन ईकाई को स्थापित किया है
धर्म सिंह ने केवल मुर्गीपालन ही नहीं बल्कि मिश्रित खेती की ओर बढ़ते हुए मछलीपालन ईकाई को भी स्थापित किया है जिसमें ट्राउट मछली के बीज को डाला गया है. साथ ही उनके पास दो दुधारू जर्सी गायें भी है साथ ही खेती-बाड़ी के साथ वह मौसमी सब्जियों का तेजी से उत्पादन कर रहे है. उनका कहना है कि वैज्ञानिक तरीके से इसे करें तो घर बैठे ही रोजगार के काफी मौके उपलब्ध हो सकते है. इसके लिए काफी प्रयास शुरू किए जाने चाहिए.
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