हरियाणा राज्य के रोहतक में रहने वाले एक किसान ने नौकरी को तवज्जो नहीं दी और खेती को ही फायदे का सौदा बना लिया है. सौदा भी ऐसा कि वे अन्य किसानों के लिए मिसाल पेश कर रहे है. आज हम बात कर रहे है सुनारियां गांव निवासी जिले सिंह. यहां पर स्ट्रॉबेरी की खेती करके ये प्रति एकड़ 12 लाख रूपये कमा रहे है. नए नजरिए से खेती करके अच्छी पैदावार को लेकर कृषि मंत्री धनखड़ भी सम्मानित कर चुके है.
किसानों के लिए मुनाफे का सौदा (Profit deal for farmers)
अब से करीब 21 साल पहले सिंह ने यहां पर आधुनिक खेती को अपनाने का कार्य किया था. उन्होंने सरकारी लोन को लेकर कुल दो एकड़ में स्ट्रॉबेरी की खेती को लगाया है. तब से लेकर आज तक उन्होंने फिर कभी भी पारंपरिक खेती नहीं की है.
उनका कहना है कि स्ट्रॉबेरी की फसल लगाना शरू करने से पहले उनके परिवार में गरीबी थी और बड़ी ही मुश्किल से उनके परिवार का गुजारा हो पाता था. आज यह फसल उनके लिए काफी मुनाफे का सौदा बन गई है. शुरू में 11 एकड़ जमीन थी. आज वह बेटे के साथ स्ट्रॉबेरी की खेती को संभाल रहे है.
मजदूरों को मिल रहा रोजगार (Workers getting employment)
उन्होंने अपने खेतों में 30 से अधिक मजदूरों को रोजगार भी दिया है. किसान दीपक ने बताया कि उनके पिता जिले सिंह करीब 21 साल पहले पुणे में अपने दोस्तों के साथ घूमने गए थे. बाद में वापस आकर उन्होंने जिला बागवानी विभाग से संपर्क को स्थापित किया है और स्र्ट्रॉबरी की खेती को शुरू कर दिया है. इसका परिणाम यह हुआ कि उन्होंने सरकार से लिए हुए 10 लाख के लोन को महज तीन साल में ही उतार दिया है.
खुले में उगाते हैं स्ट्रॉबेरी (Strawberries are grown in the open)
स्ट्रॉबेरी की फसल को खुले में वह उगाते है. किसान दीपक बताते है किवह सिंतबर में इसके पौधे लगाते है. जिन पर नवम्बर के महीने में फल लगते है. उन्होंने कहा कि पौधे को लगाने के एक महीने तक वह टपका सिंचाई करते है. यह तेजी से वृद्धि करता है. इसका टमाटर का पौधा भी छोटा होता है. अमेरीका के कैलीफोर्निया से यहां पौधे लाए जाते है. बागवानी विभाग का कहना है कि स्ट्रॉबेरी के उत्पादन में उनका परिवार काफी बेहतर कार्य कर रहा है.
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