अगर आप सही दिशा में मेहनत करते हैं, तो एक दिन आपको सफलता ज़रूर मिलती है. यह सफलता का एक मूल मंत्र है. सब जानते हैं कि हम एक कृषि प्रधान देश के निवासी हैं. यहां की एक बड़ी आबादी गांवों में निवास करती है, लेकिन आजकल के युवा खेतीबाड़ी छोड़कर नौकरी करने के लिए शहरों की तरफ भाग रहे हैं. अगर युवा वैज्ञानिक तरीके से खेतीबाड़ी करें, तो अच्छा-खासा पैसा कमाया जा सकता है. इसका एक उदाहरण झारखंड के चाईबासा के खूंटपानी ब्लॉक के रांगामाटी गांव में रहने वाले किसान राम जोंको ने पेश किया है. पहले किसान दो वक्त की रोटी के लिए परेशान रहते थे, लेकिन आज उनके खेत में लाखों रुपए के पपीते उग रहे हैं.
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खेत में लगाए 800 पपीते के पेड़
किसान राम जोंको ने अपने खेत में 800 पपीते के पेड़ लगाए हुए हैं. इन पर कीरब 8 से 10 लाख रुपए के फल लगे हुए हैं. सभी जानते हैं कि कोरोना महामारी की वजह से लगे लॉकडाउन (Lockdown) में बेरोजगारी (Unemployment) एक बड़ी समस्या बन गई है. राम जोंको भी इसी समस्या से परेशान थें. फिर उन्होंने आत्मनिर्भर होने की ठान ली. उन्होंने 4 महीने पहले अपने खेत में पपीते के पेड़ लगाए और आज उन्होंने करीब 50 टन पपीते की उपज तैयार कर ली है.
बाजार में 40 रुपए किलो से ज्यादा बिक रहा पपीता
किसान की मानें, तो खेतों में फसल तैयार है, वह उसे मंडी में बेचने वाले हैं. उनका कहना है कि बाजार में पपीता 40 रुपए किलो से ऊपर बिक रहा है. अगर वह अपनी फसल आधी कीमत पर भी बेचते हैं, तो उन्हें 8 से 10 लाख रुपए तक का मुनाफ़ा मिल जाएगा.
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