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खेती में आज उन्नत तकनीक अपनाना समय की मांग है. आज जो भी किसान उन्नत तकनीक से खेती कर रहे है, वह भरपूर मुनाफा कमा रहे है. दरअसल कटनी तहसील के ग्राम में किसान संजीव नैय्यर ने उद्यानिकी की खेती उन्नत तकनीक से बड़े स्वावलंबी बने हैं. साथ ही उन्हें खेती में मुनाफा ही मुनाफा नजर आ रहा है. किसानों के लिए मिसाल से भी कम नहीं है. संजीव नैय्यर ने यूके, लिप्टस, अनार, गुलाब, नींबू, प्लांटेशन के साथ अब बनाना जी- 9 की खेती की है. यहां पर कारोबार के साथ किसान ने केला 10 एकड़ में केले को लगाया है. किसान ने बताया कि एक एकड़ में केला लगाने ड्रिप पद्धति सहित एक लाख रूपये को खर्च किया गया है. इसमें उन्हें दो लाख रूपये से पांच लाख रूपये एकड़ की आमदनी शुरू हो गई है. एक साल के अंदर ही वह इसकी खेती से एक लाख रूपये कमा चुके है.
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वर्ष 2018 में लगाया प्लांट
संजीव ने बताया कि 2018 में केले की खेती की जाती है. एक बार अगर आप फसल ले चुके है और बड़ी मात्रा में फंटूगिशुरू हो गई है.खास बात तो यह है कि केला की सप्लाई के लिए उन्हें कोई परेशानी नहीं होती है. पूरा केला कटनी में ही सप्लाई हो जाती है. किसान का कहना है कि लोग केवल गेहूं और धान के अलावा कोई और खेती नहीं करते है. बाद में उन्होंने फायदें के बारे में सोचा कि कटनी में लोग में केवल गेहूं और धान की खेती को करने का कार्य कर रहे हैं. बाद में वह महाराष्ट्र के नासिक में अनार को देखने गए है. केले की खेती के लिए जलगांव, भुसावल भी गए और वहां जाकर खेती को देखा है.
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कम लागत में ज्यादा मुनाफा
सबसे खास बात तो यह है कि यहां पर कम लागत में किसान अधिक मुनाफा कमाने की तरकीब को इजाद कर रहे है. केले की खेती के लिए एक एकड़ में लागत 50 हजार के आसपास ही है जबकि ड्रिप पद्धति में कुल 90 हजार रूपये से लेकर एक लाख रूपये से लेकर एक लाख रूपये तक की लागत आती है. साथ ही 9 से 10 महीनों के बाद उत्पादन शुरू हो जाता है. एक पौधे में लगभग 60 से 70 किलो की पैदावार हो रही है. यह बाजार में 15 से 20 रूपये किलो एकड़ में मुनाफा प्राप्त हो रहा है. खास बात है कि प्रथम तीन साल तक काफी बेहतर उत्पादन आएगा और बाद में चौथे साल कम हो जाएगा. नैय्यर का कहना है कि वह किसानों को प्रेरित करके उनको उन्नत खेती की तकनीक से जोड़ा जाएगा.
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