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प्रगातिशील किसान से सीखिए प्याज की खेती और भंडारण का नया तरीका

भारत में प्याज़ की फ़सल उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात, राजस्थान, बिहार, पश्चिम बंगाल मध्य प्रदेश जैसी जगहों पर अलग-अलग समय पर तैयार होती है. मगर महाराष्ट्र में प्याज़ की खेती सबसे ज्यादा की जाती है.

कंचन मौर्य
Successful Farmer
Successful Farmer

भारत में प्याज़ की फ़सल उत्तर प्रदेश, कर्नाटक, गुजरात, राजस्थान, बिहार, पश्चिम बंगाल मध्य प्रदेश जैसी जगहों पर अलग-अलग समय पर तैयार होती है. मगर महाराष्ट्र में प्याज़ की खेती (Onion Cultivation) सबसे ज्यादा की जाती है. यहां साल में 2 बार प्याज़ की फ़सल होती है. 

पहली नवम्बर में और दूसरी मई के आस-पास. प्याज़ को भारत से कई देशों में निर्यात भी किया जाता है, जैसे कि नेपाल, पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश आदि. यह शल्ककंदीय सब्जी है, जिसके कन्द सब्जी के रूप में उपयोग किए जाते हैं. प्याज का उपयोग सब्जी, मसाले, सलाद और अचार तैयार करने के लिए किया जाता है, इसलिए देश के अलग-अलग भागों में किसान कई उन्नत तकनीक से प्याज की खेती कर मुनाफ़ा कमा रहे हैं. ऐसे ही सफल किसान के बारे में हम बताने जा रहे हैं, जो प्याज की उन्नत खेती कर रहे हैं.

दरअसल, किसान का नाम सुमेर सिंह बावला जाट है, जो गांव ढाणी माहुं, जिला भिवानी, हरियाणा के रहने वाले हैं. किसान सुमेर जैविक तरीके से एक एकड़ में प्याज की कर रहे हैं. आइए आपको बताते हैं कि उन्हें किस तरह एक एकड़ खेत में प्याज की उन्नत खेती कर रहे हैं.

पहली बार की प्याज की खेती (Onion cultivation for the first time)

किसान सुनेर पहली बार प्याज की खेती कर रहे हैं. उन्होंने एफपीओ के तहत खेत में बुवाई करने के लिए पूसा से तैयार पौध लेकर आए थे. शुरुआत में उन्हें प्याज की खेती की अच्छी जानकारी नहीं थी, इसलिए उन्हें कई कृषि वैज्ञानिकों की मदद से प्याज की खेती करना शुरू किया.

लगाई प्याज की उन्नत किस्म (Improved variety of onion planted)

उन्होंने प्याज की नासिक किस्म लगा रखी हैं. इनमें एक प्याज गहरे लाल रंग की है और एक भूरे रंग की है. किसान का कहना है कि भूरे रंग वाली प्याज का भंडारण ज्यादा समय तक नहीं किया जा सकता है, क्योंकि वह सलाद में ही काम आती है और गहरे रंग वाली प्याज लंबे समय तक के लिए सुरक्षित रहती है.

खेती में किया नया प्रयोग (New experiment in agriculture)

किसान सुमेर ने बताया कि गो कृपा अमृतम बैक्टीरिया 5 तुला खाद डाली. वह पूसा आए, जहां से वह बैक्टीरिया एनपीके और पोटाश लेकर गए. इन दोनों को मल्टीप्लाई किया. उन्होंने 50 ग्राम बैक्टीरिया को 200 लीटर बनाया.

2 किलो गुड़ और 200 लीटर पानी उसके अंदर डालकर मल्टीप्लाई किया. यह 10 दिन में मल्टीप्लाई हो गया और फिर यह पानी बैक्टीरिया के साथ चलाया.

मल्चिंग पर प्याज को उगाया (Onion grown on mulching)

किसान सुमेर ने बताया कि खेत में पौध लगाई, जो 10 दिन में खड़ी हो गई इसके बाद मल्चिंग किया और जब प्याज 20 से 25 दिन का हो गया फिर एक बार मल्चिंग की. किसान ने बताया है कि धान की पराली को गुटी से मल्चिंग की थी. इसका परिणाम भी अच्छा मिला है.

भंडारण का नया तरीका (New way of storage)

किसान सुमेर एक नए तरीके से प्याज का भंडारण कर रहे हैं. उन्होंने प्याज को केले की तरह टांग रखा है. पहले नीचे गुच्छियां बंधी फिर लटका रखा है. किसान का कहना है कि अगर इस तरीके से प्याज को 2 साल भी लटका कर रखो, तो प्याज खराब नहीं होगी.

प्याज का उत्पादन (Onion Production)

किसान सुमेर को इस तरह खेती करने से लगभग 70 से 80 क्विंटल प्याज का उत्पादन प्राप्त हुआ है. खास बात यह है कि किसान के प्याज की उपज को स्थानीय बाजार में ही अच्छी कीमत मिल जाती है.

English Summary: a new way of cultivating and storing onions Published on: 29 June 2021, 05:10 PM IST

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