आज कल के समय में हर कोई नौकरी करने के साथ ही बिजनेस भी करना चाहता है. ऐसे में कृषि जागरण आप सब के लिए हर रोज नए-नए बिजनेस के आइडियाज लेकर आता रहता है, ताकि आप इनकी मदद से ज्यादा इनकम कर सकें. तो चलिए इस लेख में जानते हैं बिजनेस शुरू करने का एक और धांसू आइडिया....
दूध के इस्तेमाल से शुरु करें ये नया बिजनेस
अगर ये कहें की बाजार में सबसे ज्यादा मांग वाली चीजों में दुग्ध उत्पाद की मांग उच्चतम स्थान पर है तो ये गलत नहीं होगा. क्योंकि सालों भर बाजार में दूध,पनीर,दही और मिठाई जैसी दुग्ध उत्पाद की मांग बनी रहती है. अगर भारत में दूध के एक लीटर के दाम को देखें तो ये लगभग हर जगह 50 रुपये के आसपास रहता है. लेकिन अगर हम कहें कि इस बिजनेस में आपको 10 लीटर दूध की कीमत 60 रुपये पड़ेगी तो शायद आप यकीन नहीं कर पाएं.
आम डेयरी से बिल्कुल अलग है ये बिजनेस
ज्यादातर लोग दुग्ध बिजनेस की शुरुआत डेयरी खोलकर करते हैं. लेकिन आपको हम जिस बिजनेस के बारे में बताने जा रहे हैं वो समान्य डेयरी से बिल्कुल अलग होगा. जी हां, हम यहां टोफू मिल्क डेयरी (Tofu Milk Dairy) की बात कर रहे हैं. टोफू शब्द का इस्तेमाल सोया मिल्क के लिए होता है. टोफू (Soya paneer) को सेहत के लिए बेहद ही लाभकारी माना जाता है और कोरोना काल से तो भारतीय बाजारों में इसकी मांग तेजी से बढ़ी है. ऐसे में इसका बिजनेस मुनाफा के सौदा साबित हो सकता है. टोफू के फायदे के बारे में अधिक जानकारी के लिए नीचे दिए गए लिंक को क्लिक करें-
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10 किलो दूध की कीमत मात्र 60 रुपये
इसकी सबसे खास बात ये है कि 1 किलो सोयाबीन से आप 10 किलो सोया मिल्क, 8 किलो दही और डेढ़ से 2 किलो पनीर बना सकते है. बाजार में 1 किलो सोयाबीन करीब 40 रुपये में मिलते है. इसको बनाने में बिजली और बाकी चीजों के खर्च को देखें तो लगभग एक किलो सोयाबीन से सोया मिल्क बनाने में 20 रुपये का खर्च आयेगा. इसके बाद 60 रुपये की कुल लागत के साथ आपको 10 लीटर सोया मिल्क मिल जाएगा. इस सोया मिल्क से बने खाद्य पदार्थों को आप बाजार में अच्छे दामों में बेचकर आसानी से लाखों कमा सकते है.
टोफू मिल्क डेयरी खोलने में लागत कितनी आएंगी
टोफू मिल्क डेयरी का बिजनेस शुरू करने के लिए शुरूआत में 1 से डेढ़ लाख रुपये का खर्चा आएगा, ये खर्च बाद में 2 से 3 लाख रुपये तक चला जायेगा. इसमें सबसे ज्यादा मशीनें और मटेरियल शामिल है. आपको सोया दूध बनाने के लिए उपयोग की जाने वाली मशीनें जिसमें बॉयलर, जार, सेपरेटर, छोटा फ्रीजर आदि समान खरीदना होगा. इससे जुड़ी और मशीनों को आप इंटरनेट पर खोज कर वही से खरीद भी सकते हैं. नहीं तो आपको इस मशीन के डीलर किसी भी शहर में मिल जाते हैं.
इसके बाद आपको 1 लाख रुपये का सोयाबीन भी खरीदना होगा. अगर आप छोटे स्तर पर बिजनेस की शुरुआत करते हैं तो ये कम भी खरीद सकते हैं. आपको शुरूआत में इस तरह का कारीगर रखना होगा जो कि टोफू को बनाना जानता हो ताकि आपका बना हुआ माल किसी भी रूप से खराब न हो.
सोया मिल्क से ऐसे बनता है टोफू
टोफू (soya paneer) को बनाना बिल्कुल आम पनीर को बनाने जितना ही आसान होता है. बस फर्क इतना होता है कि इसके लिए पहले आपको सोयाबीन से सोया मिल्क बनाना होगा. इसके लिए पहले सोयाबीन को पीसकर 1-7 के अनुपात में पानी के साथ फेटकर उबालना होता है. इसके बाद आपको बॉयलर और ग्राइंडर में एक घंटे की प्रक्रिया के बाद सोयाबीन का दूध (soybean milk) मिल जाता है. इसके बाद दूध को सेपरेटर में डाला जाता है. इससे दूध दही की तरह गाढ़ा हो जाता है, इसमें से बचा हुआ पानी बाहर निकाल लिया जाता है. इसके तकरीबन 1 घंटे की प्रक्रिया के बाद आपको टोफू प्राप्त हो जाता है.
टोफू के बिजनेस में मुनाफा ही मुनाफा
बाजार में टोफू की कीमत 200 से 300 रुपये प्रति किलोग्राम है. जैसा की हमने लेख में ऊपर बताया है कि आपको 1 किलो सोयाबीन (कीमत लगभग 40 रुपये) से पूरी प्रक्रिया के बाद लगभग डेढ़ से 2 किलो पनीर मिलता है. ऐसे में अगर प्रतिदिन आप 30 से 35 किलोग्राम टोफू बनाकर बाजार में बेचने में कामयाब हो जाते हैं, तो आप आराम से एक लाख रुपये महीना कमा सकते हैं.
ये भी जान लें...
सोया पनीर यानी टोफू बनाने में आपके पास बाय प्रोडक्ट के रूप में खली बचती है. बता दें कि इससे कई तरह के अन्य प्रोडक्ट भी तैयार होते हैं. खली का इस्तेमाल खली का बिस्कुट आदि बनाने में होता है. ये बची हुई खली भी टोफू की तरह प्रोटीन का एक बेहद ही अच्छा स्त्रोत मानी जाती है. ऐसे में और ज्यादा मेहनत से आप महीने का एक लाख से भी ज्यादा कमा सकते हैं.
सरकार देती है बिजनेस शुरु करने के लिए पैसे
इस बिजनेस की शुरुआत करने से पहले आप ये भी जान लें कि अगर आपके पास इस बिजनेस को शुरु करने के लिए पैसे नहीं है तो आपकी मदद सरकार करती है. सरकार हर छोटा और मध्यम उद्योग के लिए ऋण (Loan) उपलब्ध कराती है. ये ऋण सभी जिलों में उपल्ब्ध होता है. इसके लिए बस आपको अपने प्रोजेक्ट या बिजनेस का विवरण और जरूरी दस्तावेज अपने जिला उद्योग कार्यालय में जमा करने होंगे. इसके बाद आपको सरकार की तरफ से नियमानुसार सब्सिडी यानी अनुदान मिल जायेगा.
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