आज जब भी हम भारत में आसानी से किए जा सकने वाले बिजनेस या किसी अन्य संसाधन की शुरुआत की बात करते हैं तो सबसे पहला नाम डेयरी उद्योग का ही आता है. लेकिन इसको शुरू करने से पहले आपको इसमें आने वाली चुनौतियों को अच्छी तरह समझ लेना चाहिए. तो चलिए जानते हैं इसमें आने वाली बाधाएं.
प्रजनन अवसंरचना और आनुवंशिकी
भारतीय डेयरी की सफलता मुख्यतः पशुओं की बढ़ती संख्या के कारण थी न कि उत्पादकता के कारण. जब संसाधन सीमित हो तो प्रति पशु उत्पादकता बढ़ाना अनिवार्य है. लेकिन अभी भी भारत में यह सभी पशुओं की पहुंच से दूर है. अच्छे पशु आनुवंशिकी, प्रजनन बुनियादी ढांचे और उन्नत प्रजनन विधियों जैसे कृत्रिम गर्भाधान, भ्रूण स्थानांतरण आदि की उच्च मांग है.
पशुओं का सूखा चारा और हरा चारा
हरे चारे और अच्छी गुणवत्ता वाले चारे की लगातार बढ़ती कमी है, जो उच्च नस्ल के पशुओं की बढ़ती प्रवृत्ति दूध देने वाले पशुओं की आहार संबंधी आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए अच्छी गुणवत्ता वाले चारे और चारे की भारी मांग पैदा कर रही है. आपको इस उद्योग को शुरू करने से पहले इसकी पूरी व्यवस्था कर लेनी चाहिए.
पशु स्वास्थ्य भी है जरुरी
इस अंतर को दूर करने के लिए अच्छी स्वास्थ्य देखभाल और पशु रोग निदान समाधान की आवश्यकता है. जैसा कि ऊपर बताया गया है, अधिक दूध देने वाले जानवर अतिरिक्त देखभाल की मांग करते हैं और पिछले कुछ वर्षों में यह प्रवृत्ति पशु स्वास्थ्य क्षेत्र को आगे बढ़ा रही है. आपको उनको पालने से पहले ही उनकी देखभाल की व्यवस्था को बनाना होगा. नहीं तो पशुधारक को बड़ा नुकसान भी हो सकता है.
कृषि मशीनीकरण की उपलब्धता में कमी
1.25 अरब आबादी का देश होने के बावजूद यहां श्रम की कमी और लागत बढ़ती जा रही है. स्थिति से निपटने के लिए किसानों द्वारा कृषि मशीनीकरण का स्वागत किया जा रहा है. लेकिन अभी भी छोटे किसान इस तरह की मशीनरी के लिए कई समस्याओं का सामना करते रहते हैं.
कोल्ड चेन इंफ्रास्ट्रक्चर
ग्रामीण स्तर पर प्रदूषण और क्षति को रोकने के लिए चिलिंग प्लांट और बल्क कूलर के आवश्यक बुनियादी ढांचे की कमी है. इस क्षेत्र में विकास के अवसर अवश्य देखने को मिलेंगे क्योंकि सरकार और निजी क्षेत्र पर्याप्त खरीद सुनिश्चित करने के लिए इसमें भारी निवेश कर रहे हैं लेकिन वर्तमान में यह डेयरी धारकों के लिए बहुत ही मंहगा है.
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बिजली की उपलब्धता
कई शीतलन संयंत्र बिजली की कमी के कारण प्रभावित होते हैं और बेहतर ढंग से नहीं चलते हैं जिससे दूध की गुणवत्ता और शेल्फ जीवन खराब हो जाता है. इस क्षेत्र में अवसर सौर ऊर्जा संचालित दूध चिलर का हो सकता है लेकिन अभी यह संभावनाएं हैं और इसकी लागत भी बहुत है. तो आपको इस बात का ध्यान भी रखना होगा.
गुणवत्ता परीक्षण अवसंरचना और प्रशिक्षित कार्यबल
दूध संग्रह केंद्रों पर पर्याप्त गुणवत्ता परीक्षण की सुविधा उपलब्ध नहीं है. गुणवत्ता परीक्षण करने के लिए प्रशिक्षित जनशक्ति की कमी के कारण समस्या और बढ़ गई है. इसलिए आपको डेयरी शुरू करने से पहले ही उसमें काम करने वाले कर्मचारियों को चयनित कर लेना होगा.
प्रसंस्करण उपकरण और खाद्य सामग्री
बढ़ती उपभोक्ता जागरूकता और बदलती जीवनशैली प्रोसेसरों को उत्पाद नवाचार की ओर बढ़ने के लिए मजबूर कर रही है. इस प्रकार उच्च गुणवत्ता वाले उपकरण और विभिन्न खाद्य सामग्री की मांग बढ़ रही है लेकिन उसे व्यवस्थित करने या एक जगह से दूसरे जगह तक ले जाने के साधन बहुत ही कम हैं.
तो आपको यह भी सुनिश्चित करना होगा कि दूध उत्पादन के बाद उसको कहाँ और किस तरह देना है.
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