World Tribal Day: पूरी दुनिया में हर साल 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस के रुप में मनाया जाता है. इस दिवस को दुनिया भर की आदिवासी आबादी के अधिकारों और उनके सम्मान के लिए लोगों का ध्यान आकर्षित करना है. भारत में कुल आबादी का 8 प्रतिशत हिस्सा आदिवासी समाज है. भारत सरकार उनके उत्थान और देश की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए लगातार सरकारी योजनाएं लाती रहती है.
विश्व आदिवासी दिवस की शुरुआत
संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा दिसंबर 1994 में 9 अगस्त को विश्व आदिवासी दिवस के तौर पर मनाने को घोषित किया. हर देशों में रह रहे आदिवासियों को उनके मूल अधिकारों की रक्षा, उनकी संस्कृति और धरोहर की सुरक्षा और सम्मान के उद्देश्य से इस दिवस को मनाया जाता है.
दुनिया भर में आदिवासियों की जनसंख्या लगभग 37 करोड़ की है, इसमें 5000 से ज्यादा विभिन्न प्रकार के अलग-अलग आदिवासी समुदाय हैं, जिनकी 7 हजार से ज्यादा बोली भाषाएँ हैं. इतनी विभिन्नता के बावजूद भी इस आदिवासी समाज को अपने अस्तित्व, संस्कृति और सभ्यता को बचाने के लिए दुनिया के सामने संघर्ष करना पड़ रहा है.
भारत के आदिवासी
यह दिवस भारतीय उपमहाद्वीप में भी मनाया जाता है. 2011 की जनगणना के अनुसार, भारत में लगभाग 104 मिलियन आदिवासी लोग हैं. भारत के मध्य प्रदेश राज्य में आदिवासियों की संख्या सबसे ज्यादा है, जो राज्य की जनसंख्या का 20 प्रतिशत, लगभग 1.5 करोड़ है. इस दिन आदिवासियों के क्षेत्रीय इलाकों में सार्वजनिक अवकाश होता है.
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भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही योजनाएं
भारत सरकार देश की अनुसूचित जनजातियों के उत्थान और सामाजिक, आर्थिक विकास के लिए विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम और योजनाएं चलाती रहती है. भारत सरकार इस कड़ी में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, एकलव्य विद्यालय, समग्र शिक्षा, जल जीवन मिशन, राष्ट्रीय ग्रामीण पेयजल मिशन, प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना, प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना, अंत्योदय योजना, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन, स्वयं सेवा संगठन और राष्ट्रीय सामाजिक सहायता जैसे कार्यक्रमों के देश के आदिवासियों को लगातार लाभ प्रदान कर रही है.
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