गर्मी ने अपना प्रचंड रूप दिखाना शुरू कर दिया है. हर साल गर्मी के अपने तापमान के रिकॉर्ड को तोड़ती है, जो एक हीट वेव या लू की घटनाओं को बनाती है. देखा जाए, तो पिछले कुछ सालों से हीट वेव (heat wave) के मामले लगातार तेजी से बढ़ते ही जा रहे है. इसके प्रभाव से सभी लोग परेशान रहते हैं.
अब आपके मन में हीट वेव या लू से जुड़े बहुत से सवाल पनप रहे होंगे. तो आइए आज हम आपके सभी सवालों को एक-एक करके विस्तार से हल करने की कोशिश करेंगे, ताकि आप हीट वेव या लू (heat wave or heat wave) को अच्छे से समझ पाएं.
सबसे पहले जानते हैं हीट वेव या लू होती क्या है? (What is heat wave or heat wave?)
हीट वेव को गर्म मौसम (hot weather to heat wave) के शुष्क और सबसे अधिक तापमान को कहा जाता है, जो लगातार दो या तीन दिनों तक रहती है. मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) के मुताबिक, जब मैदानी इलाकों में तापमान 40 डिग्री और वहीं पहाड़ी इलाकों में 30 डिग्री सेल्सियस तक रहती है तब ऐसी स्थिति में लू चलना शुरू करती है और अगर यहीं तापमान 47 डिग्री से अधिक हो जाता है, तो ऐसी स्थिति में लू इलाकों में बेहद खतरनाक लू चलने लगती है और फिर जब तटीय क्षेत्रों में 37 डिग्री सेल्सियस तक गर्मी का तापमान रहता है, तब इलाकों में हीट वेव चलना शुरू करती है.
कैसे बनती है हीट वेव ? (How is a heat wave formed?)
वैसे तो हीट वेव गर्मी के मौसम (summer season) में ही चलती है. यह रुकी हुई हवाओं के कारण जन्म लेती है. देखा जाए तो उच्च दबाव वाली हवा को यह नीचे की ओर ले जाती है और फिर वह जमीन के पास हवा को आगे बढ़ने से रोकती है. नीचे बहने वाली हवा एक स्थान पर एकत्रित होकर गर्म हवा की रूप ले लेती है. जब तक हवा नहीं चलेंगी तब तक बारिश नहीं होती है. ऐसे में हवाएं हीट वेव की रूप लें लेती हैं.
भारत में हीट वेव कब चलती है ? (When does heat wave occur in India?)
मौसम विभाग के अनुसार, भारत में हीट वेव मार्च से जून महीने के समय चलना शुरू करती है और फिर यह सबसे अधिक मई महीने में चलती है. जिसमें लोगों को गर्मी की भीषण मार का सामना करना पड़ता है.
भारत के किन-किन राज्यों में हीट वेव चलती है ? (In which states of India does heat wave blow?)
हीट वेव भारत के उत्तर-पश्चिम भारत, मध्य, पूर्व और उत्तर प्रायद्वीपीय भारत के मैदानी इलाकों के शुरू होकर पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, महाराष्ट्र और कर्नाटक के कुछ हिस्से, आंध्र प्रदेश और तेलंगाना में चलती है. साथ ही कभी-कभी यह हवा तमिलनाडु और केरल में भी चलती है. लेकिन आज के समय में बढ़ती तकनीकों व पर्यावरण प्रदूषण (technology and environmental pollution) के कारण यह हवा हिमालयी राज्यों में भी अपना असर दिखाना शुरू कर रही है.
हीट वेव का स्वास्थ्य पर असर (Health effect of heat wave)
हीट वेव के चलने से मानव सहित पशु जीवन भी प्रभावित होते है. हीट वेव से शरीर में पानी की कमी, थकावट होना, कमजोरी आना, चक्कर आना, सिरदर्द, मतली, उल्टी, मांसपेशियों में ऐंठन और पसीना अधिक आने लगता है. कुछ केस में हीट वेव के कारण लोगों में मानसिक तनाव के मामले भी देखे गए है.
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