दुनिया में मछलियों की कई प्रजातियां पाई जाती हैं. मगर क्या आपने कभी ऐसी मछली के बारे में सुना या देखा है, जो कि गिरगिट की तरह ही रंग बदल सकती है. हालांकि, यह मछली दुर्लभ है, लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि पहली बार भारत में इस मछली की खोज की गई है. इसे सेंट्रल मरीन फिशरीज इंस्टीट्यूट के वैज्ञानिकों ने मन्नार की खाड़ी में खोजा है.
पढ़िए मछली का नाम
इस दुर्लभ मछली का नाम स्कॉर्पियन फिश है. इसका वैज्ञानिक नाम स्कॉर्पिनोस्पिसिस नेगलेक्टा है. बताया गया है कि जब इस मछली को पहली बार देखा, तो वह घास में छिपी हुई थी. यह पता नहीं चल पा रहा था कि वो कोई मछली है या पत्थर का छोटा टुकड़ा. मगर मात्र 4 सेकंड के बाद मछली ने अपने शरीर का रंग बदल लिया और काला रंग धारण कर लिया. इसके बाद समझ आया कि यह दुर्लभ स्कॉर्पियन फिश है.
मछली क्यों बदलती है अपना रंग
कहा जाता है कि स्कॉर्पियन फिश शिकारियों से बचाने के लिए अपना रंग बदल लेती है. इस मछली के रीढ़ की हड्डी में जहर भरा हुआ रहता है, इसलिए इस मछली को पकड़ने के लिए बेहद सावधानी बरतनी पड़ती है. इसका जहर न्यूरोटॉक्सिक होता है, जो अगर इंसान के शरीर में चला जाए, तो भयानक दर्द होता है.
वैज्ञानिकों के मुताबिक
यह मछली समुद्र की गहराईयों में रहती है और रात के समय शिकार करती है. वह एक जगह दुबक कर पहले शिकार के पास आने का इंतजार करती है फिर उस पर तेजी से हमला कर देती है. इसके बाद झपट कर उसे खा जाती है. जानकारी है कि इस दुर्लभ मछली को नेशनल मरीन बायोडायवर्सिटी म्यूजियम में भेजा गया है. इसके बारे में गहन अध्ययन भी किया जा रहा है.
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