1. Home
  2. विविध

Happy Father’s Day: उम्मीदों का आसमां हैं पिता

आज जमाना भले ही बदल रहा हो, पिता और संतान के रिश्ते में उतार - चढ़ाव के दौर दिखाई दे रहे हों पर फिर भी इस रिश्ते में स्नेह का शाश्वत भाव है, अपनेपन का मधुर संगीत है .

डॉ. अलका जैन
Happy Father’s Day
Happy Father’s Day

मां जीवनदात्री नदी बनकर संतान का पोषण करती है तो पिता बच्चों के लिए विशाल छायादार वृक्ष सरीखे होते हैं, ऐसा वृक्ष जिसकी छांव में बचपन मुस्कुराता है, युवावस्था सपने बुनती है. बहुत सहनशील और धैर्यवान होता है ये पिता रूपी वृक्ष .... जीवन के तूफानों को झेलता है पर अपनी संतान पर आंच नहीं आने देता.

बच्चों के बचपन पिता के होने से ही पूर्णता पाता है. आज जमाना भले ही बदल रहा हो, पिता और संतान के रिश्ते में उतार - चढ़ाव के दौर दिखाई दे रहे हों पर फिर भी इस रिश्ते में स्नेह का शाश्वत भाव है, अपनेपन का मधुर संगीत है .

प्रभुत्व और परवाह से आगे बढ़कर ये रिश्ता आज दोस्ती और सामंजस्य के माधुर्य से संपृक्त हो गया है . पीढ़ियों का अंतर या जनरेशन गैप आज कम होने लगा है क्योंकि रिश्तों की औपचारिकताएं खत्म हो रही हैं. परिवर्तन की बयार कुछ सकारात्मक संकेत भी साथ लेकर आई है . पिता और संतान के रिश्ते को किसी सांचे में ढालने की जरूरत ही नहीं है. जरूरत है इस रिश्ते की गहराई को समझने की .... फिर अपनत्व का मधुर राग गूंज उठेगा.

बच्चों के जीवन की धुरी हैं पिता

संतान चाहे लड़की हो या लड़का पिता से भरपूर स्नेह पाती है. पिता के कांधे पर चढ़कर गली - मोहल्ले में घूमने वाले बच्चों का बचपन सही मायने में पूरा होता है. बच्चों के जीवन के केंद्र में सदा पिता होते हैं और पिता बच्चों को इस केंद्र की परिधि मानकर उम्र बिता देते हैं. बचपन की मासूम फरमाइशों से लेकर युवावस्था की परिपक्व ख्वाहिशों को भी पिता ही साँचें में ढालते हैं. सही मायने में बेपरवाह बचपन से जिम्मेदारियों की ओर बढ़ती युवा पीढ़ी को पिता ही राह दिखाते हैं, जीना सिखाते हैं.

पिता का होना विश्वास जगाता है

बच्चे पिता की छत्रछाया में खुद को महफूज़ महसूस करते हैं. पिता के होने से बच्चों के मन में निश्चिंतता का भाव रहता है. पिता उस लकड़ी की तरह होते हैं जो बचपन रूपी पौधे को सीधी और सही दिशा में रखने के लिए दृढ़ता से जमीन में गड़ी रहती है. पिता का हाथ सिर पर हो तो बच्चे विश्वास की दौलत से मालामाल हो जाते हैं . जीवन के हर दौर में पिता के शब्द हौंसला बढ़ाते हैं, जीने की नई उमंग जगाते हैं .

ऊपर से कठोरभीतर से नर्म होते हैं पिता

मां की अपेक्षा बच्चे पिता से थोड़ा डरते हैं लेकिन पिता को व्यक्तित्व की ये कठोरता ओढ़नी पड़ती है. वे ऊपर से जितने सख्त दिखते हैं, भीतर से उतने ही कोमल होते हैं. पिता की डांट में भी दुलार छिपा होता है. बच्चे बेराह न हो जाएं, ये चिंता बच्चों को संस्कार की दौलत से मालामाल करने के लिए पिता क्या नहीं करते. इस रिश्ते में मर्यादा की महीन रेखा भले ही संतान और पिता के बीच दिखाई देती हो, लेकिन ये कहीं भी बंधन का पर्याय नहीं. पिता आसमान सरीखे होते हैं जो सब कुछ खुद में समेट लेने का अदभुत सामर्थ्य रखते हैं.

स्नेह के अभिलाषी होते हैं पिता

अपने परिवार को अपने खून - पसीने से सींचने वाले पिता के फौलादी से दिखने वाले सीने में भावनाओं का सागर लहराता है. पिता अक्सर आंसुओं को आंखों में रोक लेते हैं लेकिन इससे हृदय की पीड़ा कहाँ कम हो पाती है ? इस पीड़ा को मुस्कुराहट का रूप देने के लिए उन्हें संतान का स्नेह चाहिए. बच्चे जब बड़े होकर अपनी - अपनी दुनिया में मशगूल हो जाते हैं तो ऐसे पिता को अकेलापन घेर लेता है.

जीवन की सांझ स्नेह का सवेरा चाहती है. पिता थोड़ी परवाह चाहते हैं संतान से और ये संतान का सामाजिक दायित्व ही नहीं नैतिक जिम्मेदारी भी है कि वे पिता को वही स्नेह और सम्बल दे जो उन्हें बचपन में उनके पिता से मिला था. यदि ऐसा होगा तो जीवन की बगिया लहलहा उठेगी और रिश्तों का संसार स्नेह की खुशबू से महक उठेगा.

English Summary: Happy Father's Day: Father is the sky of hope Published on: 19 June 2022, 10:32 AM IST

Like this article?

Hey! I am डॉ. अलका जैन . Did you liked this article and have suggestions to improve this article? Mail me your suggestions and feedback.

Share your comments

हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें. कृषि से संबंधित देशभर की सभी लेटेस्ट ख़बरें मेल पर पढ़ने के लिए हमारे न्यूज़लेटर की सदस्यता लें.

Subscribe Newsletters

Latest feeds

More News