सात समंदर पार लंदन की धरती पर गणगौर की सवारी, राजस्थानी परिधानों में सजी-धजी महिलाओं के कंठ से गूंजते- गौर गोमती तथा हंजा मारु जैसे गीतों ने इग्लिशतान की धरती को रंग-बिरंगी संस्कृति से सरोबार कर दिया.
मौका था गणगौर त्यौहार तथा 'राजस्थान दिवस' का, जो लंदन के हैरो स्थित क्लेरेमॉनट हाई स्कूल के प्रांगण में आयोजित किया गया. राजस्थान एसोसियेशन ऑफ यू.के द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम में अपने प्रदेश से हज़ारों मील दूर बसे प्रवासी राजस्थानियों ने एक ही मंच पर आकर राजस्थान की गौरव गाथा की गूंज से चारों दिशाओं को गुंजायमान कर दिया.
एसोसिएशन के प्रतिनिधि हरेन्द्र सिंह जोधा ने बताया कि लंदन में गणगौर उत्सव के साथ 'राजस्थान दिवस' भी पूरे उत्साह के साथ मनाया गया. उन्होंने बताया कि इस अवसर पर गौर-ईश्वर की सवारी निकाली गई जिसे देखने के लिए लंदन के लोग भी आए.
गौधा ने बताया कि गणगौर पूजन के साथ गणगौर की विदाई गीतों से आयोजन अविस्मरणीय बन गया. इस अवसर पर आयोजित सांस्कृतिक संध्या में राजस्थानी गीतों-नृत्यों ने समा बांध दिया. कार्यक्रम की विशेषता यह रही कि इसमें सभी भूमिकाएं केवल महिलाओं ने निभाई.
लंदन की फिज़ा में महा घूमर यंग की थाप, घुड़ला घूमे जैसे गीतों पर नृत्यों की प्रस्तुति देखते ही बनती थी. मयूरी, नंदिनी, अंजलि, मेघना ग्रुप, शालिनी, मिनाक्षी भाटी, अपर्णा बंग सहित राजस्थानी महिलाओं की विहंगम प्रस्तुतियों ने सबको मंत्रमुग्ध कर दिया. कार्यक्रम का उद्देश्य था अपने वतन से मीलों दूर एक श्रृखंला में जुड़कर संस्कृति को जीवंत बनाना.
Source : Rajsthan Association of Uk
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