ईद-अल-अधा को बकरा ईद, बकरीद, ग्रेटर ईद या हरि राया हाजी के नाम से भी जाना जाता है. इस्लाम धर्म में इस पर्व का काफी महत्व है. यह त्यौहार मुस्लिम समुदाय में सबसे पवित्र उत्सवों में से एक माना जाता है. हर साल बकरीद को दुनिया भर में धूमधाम से सेलिब्रेट किया जाता है. इस साल बकरीद 29 जून को मनाई जा रही है. बकरीद में बकरों की कुर्बानी दी जाती है. ऐसे में बाजार में कुछ खास नस्ल के बकरों की मांग काफी बढ़ गई है. वहीं, उनकी कीमत भी इन दिनों आसमान छू रही हैं. तो आइए जानें इस समय किस नस्ल के बकरे कितनी कीमत में मिल रहे हैं.
इलाकों के हिसाब से बकरों की मांग
बकरीद में अब केवल छह दिन बचे हैं. ऐसे में लोगों के बीच विभिन्न नस्ल के बकरों की मांग है. कुछ बकरे बाजार में ऊंची कीमत पर भी तेजी से बिक रहे हैं. लोग बकरे का वजन और तंदरुस्ती देखकर उन्हें खरीद रहे हैं. यहां ध्यान देने वाली बात यह है कि भारत में इलाके के हिसाब से विभिन्न नस्ल के बकरे-बकरियों का पालन किया जाता है. उत्तर भारत में जमनापारी, तोतापारी, सिरोही, बरबरी और जखराना नस्ल के बकरे काफी चर्चित हैं. इनकी इन इलाकों में खूब डिमांड रहती है. इसमें भी जमनापारी नस्ल के बकरे-बकरियों को विदेशों में भी निर्यात किया जाता है. दूसरी ओर, पश्चिम बंगाल, बिहार और झारखंड में काले बंगाल नस्ल के बकरों की मांग ज्यादा रहती है.
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सिरोही व जमनापारी नस्ल के बकरों की डिमांड
राजस्थान, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और मध्य प्रदेश में आमतौर पर विभिन्न नस्ल के बकरे पाए जाते हैं. लेकिन उसमें भी यहां सिरोही नस्ल की मांग अधिक रहती है. इन इलाकों में सिरोही नस्ल के बकरों की संख्या 19.50 लाख है. उत्तर भारत के तमाम इलाकों में इस वक्त सिरोही नस्ल के बकरे लगभग 15 हजार रुपये में बिक रहे हैं. वहीं, कुछ मंडियों में इसकी कीमत 20 हजार रुपये तक है. इसके अलावा, जमनापारी नस्ल के बकरों की डिमांड भी इस वक्त ज्यादा है.
आमतौर पर इस नस्ल के बकरे बाजार में अधिकतम 20 हजार रुपये में बिकते हैं लेकिन इस वक्त मंडियों में इनकी कीमत 30 हजार रुपये तक पहुंच गई है. कुछ लोग इसे मुंह मांगी कीमत पर भी खरीदने को तैयार हैं. वहीं, अन्य नस्ल के बकरे-बकरियों की कीमत मंडियों में पांच से लेकर 20 हजार रुपये के बीच है.
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