वैश्विक महामारी कोरोना से लड़ने के लिए इम्युआनिटी (Immunity) को बेहतर करने के लिए लोग तरह-तरह की चीजें डाइट में शामिल कर रहे हैं. इस बीच एक बेहद काम की खबर आई है. दरअसल वैज्ञानिकों ने गेहूं (Wheat) की ऐसी खास किस्म विकसित कर ली है, जिससे बनी रोटी इम्युआनिटी बूस्टर की तरह काम करेगी.
विकसित की गई गेहूं की विशेषता (Cultivated Wheat Characteristics)
गौरतलब है कि यह रिसर्च हमारे देश में ही हुई है. बीएचयू (BHU) के कृषि विज्ञान संस्थान में हार्वेस्ट प्लस प्रोजेक्ट के अंतर्गत तैयार की गई गेहूं की तीन किस्मों बीएचयू -25, बीएचयू -31 और बीएचयू-35 में सामान्य गेहूं की अपेक्षाकृत 60 फीसदी ज्यादा जिंक है. इसमें 45-50 पीपीएम (पार्ट पर मिलियन) जिंक तत्व मौजूद है. लिहाजा अपनी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत करने के लिए हर व्यक्ति अनार जैसी ज्यादा जिंक वाली चीजें भले ही न खरीद सकता पाए, लेकिन गेहूं तो खरीद सकता है. जाहिर है इससे बनी रोटी ही उसके लिए बेहद फायदेमंद साबित
हो सकता है.
कई बीमारियों से बचने में मिलेगी मदद (Will help in avoiding many diseases)
खबरों के मुताबिक, इस आटे की रोटी खाने में कोरोना वायरस से लड़ने में मदद मिलेगी. इसके अलावा कुपोषण समेत कई अन्य रोगों से भी राहत मिलेगी. इसके अलावा इस प्रजाति के गेहूं का घर में इस्तेमाल कर रहे कई छोटे और मझोले किसानों को हैजा, डायरिया और अन्य वायरस-बैक्टीरियल रोगों से निजात मिल रही है.
जैसा कि सर्वविदित है रोटी हमारे भोजन का 40 फीसदी हिस्सा है और यह रोज खाई जाती है. लिहाजा केवल इस गेहूं के सेवन से ही कई समस्याओं से आसानी से निजात मिल जाएगी. खबरों के मुताबिक, फिलहाल लगभग 200 किसान ही साल भर में इस तरह के एक हजार क्विंटल गेहूं का उत्पादन कर रहे हैं. उम्मीद है कि आने वाले समय में इसमें निवेश और उपज बढ़ेगी.
बीएचयू के कृषि विज्ञान संस्था़न के निदेशक प्रो.रमेश चंद्र कहते हैं, ' हम किसानों द्वारा उगाए गए गेहूं की किस्म का ट्रायल भी करेंगे. यदि सरकार और छोटे-बड़े निवेशक इसकी पैकेजिंग व बिक्री में आगे आएंगे तो इसे जनता तक आसाानी से पहुंचाने में मदद मिलेगी.
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