अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समीति द्वारा गुरुवार को एक प्रेस-वार्ता आयोजित की गई. किसानों के साथ हो रही नाइंसाफी और फसल के एमएसपी के मुद्दे पर किसानों के हक़ में आवाज़ उठाना इस कांफ्रेंस का मुख्य उद्देश्य था. इसका आयोजन समीति के सचिव अविक साहा ने किया. वहीं इस कांन्फ्रेंस में वी.एम. सिंह, राजू शेट्टी, हनन मूल्ला, डॉक्टर सुनिलम, डॉ. आशिष मित्तल, कविता कुरुघंटी, योगेंद्र यादव मौजूद रहे.
उन्होंने कहा सरकार आए दिन कृषि तथा उससे जुडी योजनाएं लाती हैं लेकिन किसानों के साथ हो रही नाइंसाफी को नजरअंदाज कर दिया जाता है. सूरत-ए-हाल यह है कि किसानों को उसकी फसल का वाज़िब दाम तक नहीं मिल पा रहा है. एमएसपी से कम कीमत मिलने की वजह से किसानों को भारी नुकसान होता है. मजबूरन उसे आत्महत्या का रास्ता अख्तियार करना पड़ता है. अभी ताज़ा खरीफ सीजन में उन्हें बाजरा और मक्का जैसी प्रमुख फसलों को एमएसपी से काफी कम कीमत पर बेचना पड़ा है. जिस कारण किसान बहुत दुखी है. योगेंद्र यादव ने सरकार पर निशाना लगाते हुए कहा कि सरकार द्वारा किए वादे अब झूठे साबित हुए हैं.
पिछले दिनों देश में कई किसान आंदोलन हुए हैं. हाल ही में अखिल भारतीय किसान सभा द्वारा दिल्ली में आयोजित विरोध प्रदर्शन में कई राज्यों के किसान एकत्रित हुए थे. पच्चीस हजार से अधिक संख्या में प्रदर्शन कर रहे किसानों को सरकार के निर्देश पर यूपी बॉर्डर पर ही रोक दिया गया था. 2 अक्टूबर को पुलिस द्वारा बैरियर खोले गए फिर उनकी मांगो पर सहमति जताई गई.
मनीशा शर्मा, कृषि जागरण
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