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डॉ एम् एस स्वामीनाथन को विश्व के पहले कृषि पुरस्कार के लिए बधाई

भारत एक कृषि प्रधान देश है, ऐसी मान्यता रही है. हमारा देश कृषि (अनाज, व दूसरे खाने की उत्पाद ) आयात करता रहा है, यह पहलीबार हुआ है की देश आयातक से निर्यातक बना. हम अपने अन्नदाता के आभारी हैं की उसकी मेहनत रंग लायी. अब कोई भूखे पेट नहीं सोयेगा. हमारा देश अन्न उपजाने में आत्मनिर्भर हुआ.

भारत एक कृषि प्रधान देश है, ऐसी मान्यता रही है. हमारा देश कृषि (अनाज, व दूसरे खाने की उत्पाद ) आयात करता रहा है, यह पहलीबार हुआ है की देश आयातक से निर्यातक बना. हम अपने अन्नदाता के आभारी हैं की उसकी मेहनत रंग लायी. अब कोई भूखे पेट नहीं सोयेगा. हमारा देश अन्न उपजाने में आत्मनिर्भर हुआ.

अन्न में आत्मनिर्भरता यूं ही नहीं आयी बल्कि इसके पीछे जिस सख्श का हाथ है, यह उसकी दूरदृष्टि का ही कमाल है की आज हम खाद्य के क्षेत्र में निर्यातक देश के रूप में अपनी पहचान बना पाए हैं. उस व्यक्ति का पूरा देश एहसानमंद हैं और खासतौर पर किसान जिसको डॉ एम् एस स्वामीनाथन ने जो पहचान दिलाई उसे भारत ही नहीं बल्कि दुनिया में भी एक ख़ास नजर से देखा जाता है. डॉ स्वामीनाथन को हम भारतीय हरित क्रांति के जनक के रूप में जाना जाता है. आज 26 अक्टूबर को उन्हे पहले विश्व कृषि पुरस्कार से सम्मानित किया गया.  भारतीय कृषि एवं खाद्य परिषद द्वारा इस पुरस्कार की स्थापना की गयी जिसकी जूरी में डॉ त्रिलोचन महापात्र, महानिदेशक भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद् और सचिव डेयर ने बताया की देश के और विदेश के कृषि विशेषज्ञों ने जब इस विश्व के पहले कृषि पुरस्कार के लिए नाम सुझाने को कहा गया तो सब ने एक ही स्वर में डॉ स्वामीनाथन का ही नाम लिया.

पुरस्कार प्रदान करने के लिए माननीय उप राष्ट्रपति एम् वेंकाइआह नायडू, ने केरल के गवर्नर माननीय पी सथाशिवम, कॉमर्स मिनिस्टर सुरेश प्रभु व हरियाणा कृषि मंत्री ओम प्रकाश धनकड़ की उपस्तिथि में दस हजार अमरीकी डालर का एक चैक, ट्राफी, साइटेशन, उनकी पेंटर दवारा बनायीं बड़ी सी तस्वीर भी दी गयी.

अपने सम्बोधन में आई सी एफ ऐ के चेयरमैन, डॉ एम् जे खान, मंत्री सुरेश प्रभु, डॉ त्रिलोचन महापात्र, ओम प्रकाश धनकड़, और केरल के गवर्नर पी सथाशिवम ने डॉ स्वामीनाथन के कार्यों की भरपूर प्रशंसा करते हुए यही कहा की इस प्रथम विश्व कृषि पुरस्कार के लिए यदि कोई एक नाम लिया जा सकता है तो वह डॉ स्वामीनाथन के आलावा कोई दूसरा नहीं हो सकता.

इस अवसर पर डॉ स्वामीनाथन ने कृषि जागरण और एग्रीकल्चर वर्ल्ड के प्रति अपनी कृत्यागता भी जताई.

कृषि जागरण उनको विश्व के पहले कृषि पुरस्कार के लिए बधाई देता है.

चंद्र मोहन, कृषि जागरण

English Summary: Congratulations to Dr. MS Swaminathan for the world's first agricultural award Published on: 27 October 2018, 11:52 AM IST

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