22 मार्च 2021 को कृषि विज्ञान केंद्र शिकोहपुर द्वारा विश्व जल दिवस का आयोजन किया गया, जिसका संचालन केंद्र की मौसम विशेषज्ञ डॉ. पूजा गुप्ता सोनी ने किया. इस कार्यक्रम में 53 किसानों एवं विद्यार्थियों ने भाग लिया और इस कार्यक्रम में पूसा संस्थान के संयुक्त निदेशक (प्रसार) डॉ. बी. एस. तोमर मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित रहे.
केंद्र की अध्यक्ष महोदया डॉ. अनामिका शर्मा ने विश्व जल दिवस को मनाने की शुरुआत तथा इसको मनाने के कारणों के बारे में प्रतिभागियों को जागरूक किया. डॉ. बी एस तोमर (मुख्य अतिथि) ने हमारे जीवन में जल की महत्ता पर जोर देते हुए आम लोगों द्वारा जल को बचाने अनूठे तथा महत्वपूर्ण उदाहरण दिए.
इस कार्यक्रम में जल जंगल बिरादरी नामक गैर सरकारी संस्था के अध्यक्ष भूपेंद्र यादव एवं उपाध्यक्ष रणवीर सिंह भी उपस्थित रहे. उन्होंने अपनी संस्था के द्वारा गुड़गांव जिले की आवासीय कॉलोनी में वर्षा जल संचयन द्वारा भू-जल स्तर को बढ़ाने हेतु किये गये कार्य के बारे में बताया तथा लोगों को इस तरह जल संरक्षण के लिए प्रेरित किया. कार्यक्रम के दौरान भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम जी द्वारा लिखा गया काल्पनिक चित्रांकन का प्रस्तुतीकरण दिखाया गया, जिसमें वर्ष 2070 में बिना पानी के मनुष्य के भविष्य जीवन को दर्शाया गया है.
केंद्र के एग्रोमेट आब्जर्वर कृष्ण कुमार ने इस प्रस्तुतीकरण को अपनी आवाज़ देकर सरल एवं हिंदी भाषा में प्रतिभागियों तक पहुचायां, जिसे दर्शको द्वारा सराहा गया. केंद्र के वरिष्ठ तकनीकी अधिकारी रामसेवक ने जल संरक्षण में किसानों की भूमिका तथा मृदा विज्ञान विशेषज्ञ डॉ. परगट सिंह ने मृदा जल संरक्षण के बारे में चर्चा कर किसानों को जल संरक्षण की विभिन्न विधियों के बारे में अवगत कराया.
केंद्र के पौध संरक्षण विशेषज्ञ श्री भरत सिंह ने दैनिक जीवन में पानी के कुशल उपयोग के बारे में चर्चा करते हुए, विद्यार्थियों को जल को बचाने के लिए प्रेरित किया.कार्यक्रम के आखिरी में गृह विज्ञान विशेषज्ञ कविता बिष्ट ने सबका धन्यवाद देते हुए, कार्यक्रम का अंत भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा दिये गये नारे “जहां भी गिरे, जब भी गिरे, वर्षा का पानी इकट्ठा करें” के साथ किया.
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