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मिलेट्स का उत्पादन व खपत बढ़ाने के लिए मिशन मोड में काम- केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर

कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर और विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर की अध्यक्षता में आज दिल्ली स्थित सुषमा स्वराज भवन में उच्चायुक्तों और राजदूतों के बीच, अंतरराष्ट्रीय पोषक-अनाज वर्ष का प्री-लांचिंग उत्सव आयोजित किया गया.

अनामिका प्रीतम
Pre-launch of International Year of Millets 2023
Pre-launch of International Year of Millets 2023

नई दिल्ली, 24 नवंबर 2022, केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर तथा विदेश मंत्री डा. एस. जयशंकर की अध्यक्षता में आज दिल्ली स्थित सुषमा स्वराज भवन में उच्चायुक्तों और राजदूतों के बीच, अंतरराष्ट्रीय पोषक-अनाज वर्ष का प्री-लांचिंग उत्सव हुआ.

इस अवसर पर तोमर ने बताया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर संयुक्त राष्ट्र ने वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय पोषक-अनाज वर्ष (आईवाईओएम) घोषित किया है. इसके माध्यम से मिलेट की घरेलू व वैश्विक खपत बढ़ाना हमारा उद्देश्य है. उन्होंने कहा कि यह वर्ष वैश्विक उत्पादन बढ़ाने, कुशल प्रसंस्करण तथा फसल रोटेशन के बेहतर उपयोग एवं फूड बास्केट के प्रमुख घटक के रूप में मिलेट को बढ़ावा देने का अवसर प्रदान करेगा. केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय अन्य केंद्रीय मंत्रालयों, सभी राज्य सरकारों एवं अन्य हितधारक संस्थानों के साथ मिलकर मिलेट्स का उत्पादन तथा खपत बढ़ाने के लिए मिशन मोड में काम कर रहा है.

केंद्रीय कृषि मंत्री तोमर ने कहा कि मिलेट्स सूक्ष्म पोषक तत्वों, विटामिन व खनिजों का भंडार है. आईवाईओएम, खाद्य सुरक्षा व पोषण के लिए मिलेट्स के योगदान के बारे में जागरूकता बढ़ाएगा व सतत उत्पादन और गुणवत्ता में सुधार के लिए हितधारकों को प्रेरित करेगा एवं अनुसंधान तथा विकास सेवाओं में निवेश बढ़ाने के लिए ध्यान आकर्षित करेगा. शाकाहारी खाद्य पदार्थों की बढ़ती मांग के दौर में मिलेट वैकल्पिक खाद्य प्रणाली प्रदान करता है. मिलेट संतुलित आहार के साथ-साथ सुरक्षित वातावरण में भी योगदान देता है. ये मानव जाति के लिए प्रकृति के उपहार हैं. कम पानी की खपत, कम कार्बन उत्‍सर्जन व सूखे में भी जलवायु अनुकूल मिलेट को उगाया जा सकता है. भारत के अधिकांश राज्य एक या अधिक मिलेट फसल प्रजातियों को उगाते हैं.

उन्होंने बताया कि केंद्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा स्थायी उत्पादन का समर्थन करने, उच्च खपत के लिए जागरूकता पैदा करने, मंडी व मूल्य श्रृंखला विकसित करने तथा अनुसंधान-विकास गतिविधियों के लिए वित्तपोषण भी किया जा रहा है. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा मिशन के तहत, मिलेट के लिए पोषक अनाज घटक 14 राज्यों के 212 जिलों में क्रियान्‍वित किया जा रहा. साथ ही, राज्यों के जरिये किसानों को अनेक सहायता दी जाती है. मिलेट के पोषण महत्‍व के मद्देनजर सरकार ने अप्रैल-2018 में इसे पोषक-अनाज के रूप में अधिसूचित किया था और मिलेट को पोषण मिशन अभियान के तहत भी शामिल किया गया है.

तोमर ने बताया कि भारत में मिलेट मूल्यवर्धित श्रृंखला में 500 से अधिक स्टार्टअप काम कर रहे हैं, भारतीय मिलेट अनुसंधान संस्थान ने आरकेवीवाई-रफ्तार में 250 स्टार्टअप को इनक्यूबेट किया है. 66 से अधिक स्टार्टअप्स को सवा छह करोड़ रु. से ज्यादा दिए गए हैं, वहीं 25 स्टार्टअप्स को भी राशि की की मंजूरी दी है. मिलेट की खपत बढ़ाने वाले व्यंजनों व मूल्यवर्धित उत्पादों के लिए स्टार्ट-अप-उद्यमियों को भी सहायता दी जा रही है. सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत अब खाद्य वितरण कार्यक्रमों का ध्यान आधारभूत कैलोरी से हटाकर अधिक विविध फूड बास्‍केट प्रदान करने में होना चाहिए, जिसमें प्री-स्‍कूल के बच्चों व प्रजनन आयु की महिलाओं की पोषण स्थिति में सुधार करने के लिए मिलेट्स शामिल हैं. नीति आयोग व विश्व खाद्य कार्यक्रम का इरादा चुनौतियों को व्यवस्थित- प्रभावी तरीके से पहचानकर समाधान करने का है. यह साझेदारी मिलेट को मुख्यधारा में लाने पर ध्यान केंद्रित करेगी व वर्ष के रूप में मिलेट के लिए अवसरों का उपयोग कर ज्ञान के आदान-प्रदान में विश्व स्तर पर नेतृत्व करने में भारत का समर्थन करेगी.

पोषक-अनाज खाद्य सुरक्षा के साथ अंतरराष्ट्रीय संबंधों के लिए भी महत्वपूर्णविदेश मंत्री  जयशंकर

विदेश मंत्री डा. जयशंकर ने कहा कि मिलेट्स आत्मनिर्भरता में सुधार करेगा, विकेंद्रीकृत उत्पादन को बढ़ावा देगा और किसानों की आय में वृद्धि करेगा. इस प्रकार वे वैश्विक खाद्य सुरक्षा के जोखिम को कम करेंगे. भारत की कल्पना के अनुरूप यह वर्ष जागरूकता और उपयोग के मायने में वास्तव में वैश्विक साझेदारी है. उन्होंने कहा कि कोविड, जलवायु परिवर्तन और संघर्षों की पृष्ठभूमि में आज दुनिया में मिलेट्स की प्रासंगिकता बढ़ रही हैजयशंकर ने जोर देकर कहा कि पोषक-अनाज खाद्य सुरक्षा के साथ-साथ अंतरराष्ट्रीय संबंधों के लिए भी महत्वपूर्ण है. उन्होंने कहा कि कोविड एक ऐसा दौर था, जिसने दुनिया को याद दिलाया कि एक महामारी खाद्य सुरक्षा के लिए क्या कर सकती है. उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन से उत्पादन कम हो सकता है और व्यापार बाधित हो सकता है. उन्होंने सुझाव दिया कि अंतर्राष्ट्रीय संबंधों में खाद्य सुरक्षा पर अधिक ध्यान दिया जाना चाहिए.

कार्यक्रम में विदेश राज्य मंत्री मती मीनाक्षी लेखी कृषि राज्य मंत्री सु शोभा करंदलाजे भी विशेष रूप से उपस्थित थीं. कृषि सचिव  मनोज अहूजा ने स्वागत भाषण दिया संयुक्त सचिव मती शुभा ठाकुर ने प्रेजेन्टेशन के माध्यम से आईवाईओएम के संबंध में जानकारी दी. अपर सचिव  अभिलक्ष लिखी ने आभार माना. यहां विदेश मंत्रालय के सचिव (पूर्वडी. रवि, सचिव (पश्चिमसंजय वर्मा अन्य वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे. इस मौके पर लंच में भारतीय मिलेट्स की विविधता व्यंजनों को प्रदर्शित करने के लिए विस्तृत क्यूरेटेड मिलेट्स बुफे शामिल किया गया. मिलेट्स पाक अनुभव औपचारिक चर्चा के साथ, मिलेट्स आधारित 30 भारतीय स्टार्टअप्स ने रेडी-टू-ईट रेडी-टू-कुक मिलेट्स आइटम सहित विभिन्न खाद्य उत्पादों को प्रदर्शित करने के लिए कार्यक्रम स्थल पर प्रदर्शनी में भाग लिया.

English Summary: Work in mission mode to increase production and consumption of millets - Union Agriculture Minister Tomar Published on: 24 November 2022, 05:35 PM IST

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