देश में गेहूं की कई उन्नत किस्में मौजूद है जिसमें राज 4037 भी शामिल है.लेकिन अब गेहूं की यह लोकप्रिय किस्म गायब हो जाएगी. किसानों को इस किस्म से अच्छी पैदावार और मुनाफा मिलता रहा लेकिन भविष्य में लोग इस किस्म के गेहूं के लिए तरसने को मजबूर हो जाएंगे. दरअसल, गेहूं कि यह किस्म राजस्थान समेत देश के अन्य राज्यों में पिछले 10 सालों से किसानों में काफी प्रचलित है.
इसके बावजूद राजस्थान सरकार ने किसानों को इस किस्म पर सब्सिडी देना बंद कर दिया है. वहीं अब सरकार ने इसे बंद करने की ठान ली है. यही वजह है इस किस्म का उत्पादन लेने वाले किसानों में मायूसी छाई हुई है.
राज 4037 किस्म की खासियतें (Features of the Raj 4037 Variety)
1. गेहूं की यह किस्म लोगों के घरों में काफी पसंद की जाती है इसकी बड़ी वजह इसकी रोटी अच्छी बनती है.
2. सामान्य सिंचाई में भी इसका अच्छा उत्पादन लिया जा सकता है.
3. इसके पौधे की ऊंचाई 72 से 75 सेंटीमीटर होती है.
4. इस किस्म के पौधे कम ऊंचाई के कारण गिरते नहीं है.
5. यह किस्म 115 से 120 दिनों में पककर तैयार हो जाती है.
6. इसका पौधा गर्म जलवायु भी आसानी से सहन कर सकता है.
7. इसका बाज़ार मूल्य अच्छा मिलता है.
क्यों बंद किया जा रहा है?
गेहूं की लोकप्रिय इस किस्म को इसमें लगने वाली बीमारियों की वजह से बंद किया जा रहा है. दरअसल, इसमें पिछले कुछ सालों से करनाल बंट रोग की शिकायत आ रही है. कृषि विभाग के अफसरों का कहना है कि जब इसके पौधे में बाली बनती है उस समय यदि मौसम बदलाव आता है जैसे- ओस गिरने या बादल होने की स्थिति में फंगस जन्म लेते हैं. इस कारण से इसका दाना काला पड़ जाता है और उत्पादन की गुणवत्ता में कमी आ जाती है. यही वजह है कि सरकार ने इस पर सब्सिडी देना बंद कर दिया है.
अन्य किस्मों का बढ़ा प्रचलन
इधर, कृषि विभाग ने इस किस्म का प्रचार प्रसार कम कर दिया है तथा दूसरी किस्मों के लिए किसानों को प्रोत्साहित किया जा रहा है. जिसमें गेहूं की नई किस्मों जैसे 4120, 4079, एचआई, 4238 और1544 को उगाने की सलाह दी जा रही है.
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