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Advisory Alert! तेलंगाना के किसानों और पशुपालकों के लिए IMD की चेतावनी, जानें एग्रोमेट एडवाइजरी की सारी जरूरी बातें

भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने तेलंगाना के किसानों के लिए मौसम आधारित कृषि सलाह जारी की है. इससे किसानों को अपनी फसलों को मौसम की मार से बचाने में मदद मिलेगी.

अनामिका प्रीतम

देशभर में इन दिनों मौसम की मार पड़ रही है. कहीं तेज तापमान ने लोगों के पसीने छुड़ा दिए हैं तो कहीं भारी बारिश लोगों के लिए आफत बन कर आई है. ऐसे में किसानों की फसलों को भी इस बदलते मौसम के कारण नुकसान झेलना पड़ता है. यही वजह है कि देश का सरकारी मौसम केंद्र भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) मौसम को देखते हुए किसानों के लिए आए दिन एग्रोमेट एडवाइजरी जारी करता रहता है. इसी कड़ी में हम आपको इस लेख में मौसम विभाग द्वारा जारी तेलंगाना के एग्रोमेट एडवाइजरी के बारे में बताने जा रहे हैं- 

तेलंगाना के किसानों के लिए जरूरी जानकारी

तेलंगाना में अगले पांच दिनों के दौरान आंधी-तूफान की गतिविधियों और बारिश के पूर्वानुमान को देखते हुए मौसम विभाग ने किसानों को सलाह दी है कि कटाई के बाद के नुकसान से बचने के लिए पहले से काटी गई फसल को तिरपाल से ढक दें. इस दौरान फसल उत्पादन को बाजारों तक पहुंचाने को रोक दें.

इस मौसम में हो रही बारिश का फायदा उठाकर किसानों को खरपतवार नियंत्रण के लिए जुताई करने की सलाह दी जाती है, ताकि हाइबरनेटिंग कीट और रोग बीजाणु जो खरीफ फसलों को नुकसान पहुंचा सकते हैं उन्हें हटाया जा सकें.

वहीं किसान भाई इस दौरान नए बाग लगाने के लिए गड्ढे खोद सकते हैं.

चावल(Rice)

मौसम को देखते हुए ही किसान भाई धान में कटाई, थ्रेसिंग, अनाज का भंडारण आदि कार्यों को करें.

सब्ज़ियां (Vegetables)

अगर सब्जियों की फसलों में कीटों का प्रभाव दिखता है तो इसके नियंत्रण के लिए डाइमेथोएट 2 मिली या एसीफेट 1.5 ग्राम को प्रति लीटर पानी के साथ मिलाकर छिड़काव करें.

मौजूदा मौसम सब्जी के फसलों में लीफ स्पॉट के लिए अनुकूल है. ऐसे में इसके  नियंत्रित के लिए कार्बेन्डाजिम 1 ग्राम या प्रोपिकोनाज़ोल 1 मिली प्रति लीटर को पानी में मिलाकर 15 दिनों के अंतराल में दो बार स्प्रे करें.

अक्सर इस मौसम में बैंगन के फसलों में तना और फल छेदक की घटना देखी जाती है. ऐसे में इसके नियंत्रण के लिए निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें-

-फल और प्ररोह बेधक की निगरानी के लिए फेरोमोन ट्रैप लगाना.

-संक्रमित टहनियों को काटकर नष्ट कर दें.

- प्रोफेनोफोस 2 मिली या इमेमेक्टिन बेंजोएट 0.4 ग्राम प्रति लीटर पानी . का छिड़काव करें.

मिर्च के फूलों में भी थ्रिप्स की घटना देखी गई है. इसके नियंत्रण के लिए फिप्रोनिल 2 मिली प्रति लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे करें.

आम की बागवानी करने वालों के लिए ध्यान देने योग्य बातें

आम के फलों में मक्खी लगने की घटना के लिए मौजूदा मौसम की स्थिति अनुकूल है. ऐसे में मक्खियों को फंसाने के लिए

कंटेनरप्लास्टिक के कंटेनरों को मिथाइल यूजेनॉल 2 मिली + कार्बोफ्यूरन 3 जी को 3 ग्राम प्रति लीटर पानी के मिश्रण के साथ बाग में लटकाएं.

हाल ही में हुई बारिश के कारण आम में हॉपरमीली बग और स्केल कीड़े की घटनाएं देखी गई हैं. इसके नियंत्रण के लिए इमिडाक्लोप्रिड 0.3 मिली + नीम का तेल 2.5 मिली को प्रति लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे करें.

मुर्गी पालन

मौजूदा मौसम में कुक्कुट में रानीखेत रोग की घटना देखने को मिलती है. इसके लिए पक्षियों का टीकाकरण जरूर करें.

शेड में पंखे और फॉगर्स की व्यवस्था करके पोल्ट्री पक्षियों की रक्षा करें, शेड को धान के भूसे से ढक दें और छिड़काव की व्यवस्था करें.

खाने की मात्रा बढ़ाने के लिए सुखे खाने की जगह गीला खाना दे और पीने के लिए ठंडा पानी दें.

पशुपालक

मवेशियों और भैंसों में पैर और मुंह की बीमारी का खतरा ऐसे मौसम में बढ़ जाता हैं. इसलिए रोगों को रोकने के लिए पशुओं का टीकाकरण जरूर करें.

राज्य के करीमनगरनिजामाबादआदिलाबाद और खम्मम जिलों के किसानों के लिए मौसम आधारित कृषि सलाह जारी की गई है. मौसम विज्ञान केंद्रहैदराबाद से प्राप्त पूर्वानुमान के अनुसार, पिछले तीन दिनों के दौरान विभिन्न स्थानों पर हल्की बारिश हो सकती है. इस दौरान उत्तर पश्चिमी हवाएं 16-27 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल सकती हैं. इसके साथ ही अधिकतम तापमान 42-46 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 27-29 डिग्री सेल्सियस के आसपास रह सकता है. इसी मौसम को देखते हुए मौसम विभाग ने किसानों को जरूरी सलाह दी है. आइये जानते हैं. इसमें किसानों के लिए क्या खास है....

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  • किसानों को हरी खाद की फसल जैसे सनहेम्पढैंचापिलीपेसर उगाने की सलाह दी जाती है और इसकी पर्याप्त वृद्धि के बाद मिट्टी में मिलाने की सलाह दी जाती है.

  • किसानों को गर्मी की जुताई की जाने की सलाह दी जाती है. ये कीट और प्यूपा को नष्ट करने में मदद करता हैं.

  • Pre- Monsoon वर्षा का उपयोग करके वर्षा आधारित फसलों की बुवाई न करने की सलाह दी जाती है. बल्कि इसकी जगह बारिश के पानी से फसल बोने के लिए भूमि की तैयारी करें.

  • वर्षा आधारित फसलों की समय पर बुवाई के लिए बीजउर्वरक और कीटनाशक खरीद कर तैयार रखें.

  • मुख्य रूप से मिट्टी ऊपर से 15-20 सेमी तक गीली होनी चाहिए. बारिश शुरू होने के बादवर्षा आधारित फसलों जैसे- मक्कासोयाबीनलाल चनाहरा चना और कपास आदि फसलों की बुवाई जरूर करें.

  • नए बाग लगाने के लिए गड्ढे खोदें.

पशुपालकों(LIVESTOCK) के लिए जरूरी सलाह

भैंस

पशुओं और भैंसों में पैर और मुंह के रोगों के लिए मौजूदा स्थिति अनुकूल है. बीमार पशुओं का उपचार करें और पशुओं का टीकाकरण कराएं.

भेड़

अभी के मौसम में भेड़ और बकरी में Sheep Fox Disease का खतरा ज्यादा बढ़ सकता है. ऐसे में किसानों को पशुओं का टीकाकरण कराने की सलाह दी जाती है.

मुर्गी पालन

फोगर्स और स्प्रिंकलर तापमान को कम करने में मदद करते हैं.

ठंडा पानी उपलब्ध कराने के लिए पानी और पाइप लाइनों को बोरियों से ढका जा सकता है.

अमोनिया से बचने के लिए उचित क्रॉस वेंटिलेशन सुनिश्चित करें.

दिन के ठंडे भागों में (सुबह जल्दी या देर शाम) चारा बांटें.

English Summary: Weather based agriculture advisory for farmers of telangana Published on: 06 June 2022, 06:03 PM IST

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