केंद्रीय नदी विकास व परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि भारतीय कृषि सिंचाई योजना के अन्तर्गत 27 इस साल तक पूरी हो जाएंगीं। गडकरी ने भारत जल सप्ताह के शुभारंभ के अवसर पर कहा कि 1 करोड़ 88 लाख हैक्टेयर भूमि पर सिंचाईं सुविधा प्रदान करने के लिए 285 सिंचाईं योजनाओं को शुरु किया जाएगा। गडकरी ने कहा कि बूंद-बूंद सिंचाई या ड्रिप सिंचाई और पाइपलाइन के जरिए सिंचाई सरकार के लिए प्राथमिकता वाले क्षेत्र के रूप में होंगी क्योंकि इससे बड़ी मात्रा में पानी की बचत होगी और इसके साथ ही भूमि अधिग्रहण में निहित लागत भी घट जाएगी। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री द्वारा सरदार सरोवर परियोजना के हालिया उद्घाटन का उल्लेख किया, जो 4 करोड़ से भी अधिक लोगों को पानी मुहैया कराएगी और 8 लाख हेक्टेयर भी से अधिक भूमि को सिंचाई सुविधा सुलभ कराने में मदद करेगी।
साथ ही गडकरी ने कहा कि नदियों को आपस में जोड़ने के लिए 30 परियोजनाओं को मंजूरी दे दी गई है जिनमें से तीन परियोजनाओं जैसे केन-बेतवा, पार-तापी-नर्मदा और दमन गंगा-पिंजल परियोजनाओं पर काम तीन माह के भीतर शुरू हो जाएगा। सरकार नदियों को आपस में जोड़ने के लिए एक बड़ा कोष बनाने की संभावनाएं तलाश रही है।
तो वहीं इस अवसर पर केंद्रीय पेयजल एवं स्वच्छता मंत्री उमा भारती ने अपने संबोधन में कहा कि सरकार वर्ष 2022 तक देश के हर घर में सुरक्षित पेयजल और प्रत्येक खेत में सिंचाई सुविधा उपलब्ध कराने के लिए गंभीरतापूर्वक काम कर रही है। उन्होंने कहा, ‘यह गंभीर चिंता का विषय है कि भूजल का स्तर खतरनाक रूप से नीचे जा रहा है। हमने भूजल का दुरुपयोग किया है एवं इसे बर्बाद किया है। हमें पानी, नदियों एवं भूजल का सम्मान करना होगा और देश में बहने वाली नदियों को अविरल एवं निर्मल बनाना होगा।
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