आर्थिक तौर पर भारत के साथ कदम से कदम मिलाकर चलने वाला राष्ट्र इजरायल अब एक और रणनीतिक साझेदारी करने जा रहा है. भारतीय कृषि क्षेत्र को सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के तहत आगे ले जाने के बाद अब इजरायल भारतीय गांवों के उन्नती में भी अहम योगदान निभाने जा रहा है. दरअसल 'सेंटर ऑफ एक्सीलेंस' के तर्ज पर ही ‘विलेज ऑफ एक्सीलेंस’ कार्यक्रम की योजना बनाई गई है. जानकारी के अनुसार इस कार्यक्रम के तहत भारतीय गावों को कृषि, सिंचाई एवं लघु उद्योग में बढ़ावा दिया जाएगा. इस बारे में इजरायल के राजदूत रोन मलका ने एक कार्यक्रम में विस्तार से जानकारी दी. कार्यक्रम में महाराष्ट्र के अधिकतर गावों में पनपने वाले जल संकट पर भी चर्चा की गई.
ग्रामिण मुद्दों पर हुए समझौतेः
प्राप्त जानकारी के मुताबिक इजरायल एवं भारत सरकार के मध्य आर्थिक मद्दों के साथ-साथ ग्रामिण मुद्दों पर भी समझौते हुए. इसी के तहत जल्द ही इजरायल सरकार महाराष्ट्र के जल संकट पर विस्तृत कार्ययोजना की तैयारी कर रही है.
ऐसे देगी गांवों को इजरायल सहायताः
इजरायल सरकार अपने 28 सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के आस-पास पड़ने वाले गांवों को विकसित करने का प्रयास करेगी. इसके लिए वो 'विलेज ऑफ एक्सीलेंस' योजना के तहत ग्रामिणों को पानी, कृषि एवं मृदा की जानकारी देगी. इसके अलावा इजरायली तकनीक के सहारे गावों का विकास सुनश्चित करेगी.
कुछ ऐसा रहा है भारत के साथ इजरायल का संबंधः
भारत एवं इजरायल के मध्य द्विपक्षीय संबंध आज के समय में बहुत मजबूत हैं. इजरायल के साथ न सिर्फ हम व्यापर कर रहें हैं बल्कि आर्थिक मिलिट्री एवं स्ट्रेटेजिक संबंधों से भी जुड़े हुए हैं. इजरायल में बनने वाले सभी तरह के मिलिट्री इक्विपमेंट्स का मुख्या खरीददाता भारत है. २००९ के बाद से ही इजरायल भारत को नविन कृषि तकनीकों से अवगत करवा रहा है. मित्र देश इजरायल ने भारत में कृषि को बढ़ावा देने के लिए कई जगह 'सैंटर ऑफ एक्सीलेंस' का निर्माण किया है.
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