केंद्र की सभी योजनाओं को योगी सरकार बेहद सकारात्मक तरीके से उत्तर प्रदेश में लागू करने के लिए लगी हुई है. केंद्र द्वारा चलाई जा रही 'जल जीवन मिशन योजना' के अनुसार सम्पूर्ण देश में सभी घरों में नल के माध्यम से जल पहुंचाने का प्रयास किया जा रहा है. इसमें केंद्र-प्रदेश सरकारों की सहायता से सभी ग्रामीणों तक यह योजना पंहुचाई जा रही है. योगी सरकार के दावे को मानें तो उनके अनुसार उन्होंने प्रदेश के 97 लाख से ज्यादा ग्रामीण परिवारों तक नल के पानी को पहुंचा दिया है. नल का पानी देने के मामले में अब उत्तर प्रदेश, देश में बिहार और महाराष्ट्र के बाद तीसरे पायदान पर आ गया है.
प्रत्यक्ष लाभार्थियों की संख्या 5 करोड़ पार
नमामि गंगे एवं जलपूर्ति विभाग के प्रमुख सचिव के अनुसार उत्तर प्रदेश सरकार ने इस योजना के अंतर्गत एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है. अब प्रदेश नल कनेक्शन के मामले में गुजरात और राजस्थान से आगे निकलते हुए देश में तीसरे स्थान पर आ गया है. जल जीवन मिशन योजना के कारण आज पांच करोड़ से ज्यादा ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल उपलब्ध हो रहा है. साथ ही कई करोड़ अप्रत्यक्ष ग्रामीण भी इस सुविधा से लाभान्वित हो रहे हैं.
उत्तर प्रदेश एवं अन्य राज्यों के आकंड़े
6 अप्रैल तक के आंकड़ों के अनुसार अभी तक बिहार सबसे आगे है. उसके बाद महाराष्ट्र और अब तीसरे पायदान की बात करें तो उत्तर प्रदेश ने गुजरात और राजस्थान को पीछे छोड़ दिया है. 6 अप्रैल तक आंकड़ों के अनुसार उत्तर प्रदेश 97,11,717 कनेक्शन के साथ तीसरे स्थान पर, महाराष्ट्र 1,09,98,678 कनेक्शन के साथ दूसरे स्थान पर एवं बिहार 1,59,10,093 कनेक्शन के साथ पहले स्थान पर है.
कब शुरू की गयी योजना
"जल जीवन मिशन योजना" की घोषणा 15 अगस्त 2019 को भारत के प्रधानमंत्री ने जल शक्ति मंत्रालय के अंतर्गत की थी. इसका प्रमुख उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्र के नागरिकों को शुद्ध जल उपलब्ध करवाना था. इस योजना के लिए केंद्र सरकार ने 3.60 लाख करोड़ के बजट की घोषणा की थी.
"जल जीवन मिशन योजना" का लक्ष्य वर्ष 2024 तक ‘कार्यात्मक घरेलू नल कनेक्शन’ (FHTC) के द्वारा प्रत्येक ग्रामीण परिवार को प्रति व्यक्ति रोज 55 लीटर पानी पहुंचाना था.
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